प्रावडध, माचण्डय प्राज्ञ इन्द्र का सामान्तर)- मतं ( न० ) प्राचीन मत । प्राचीन सम्मति | C ३ करने के पूर्व ली जाय। -भागः (=याभाग ) ( ४० ) १ सामन्दा २ सामने का हिस्सा। -भार (= शरभारः ) ( ० ) पर्यंत शिखर २ अगडा या सामने का हिस्सा अतिमा | ढेर समूह | बाइ /-भावः, ( = प्राग्नावः ) ( पु० ) । पूर्व का अस्तित्व | २ उत्कृष्टता | उत्तमता-मुङ, (= प्राङ्मुख) ( बि० ) 1 पूर्व की ओर मुख किये हुए २ | श (न० ) प्राचीनं ( ० ) ) बाड़ा | हाता । हाते की प्राचीन: ( पु० )) दीवाल | प्राचारं ( न० ) नगर या किले आदि के चारों ओर उसकी रक्षा करने के लिये चनायी हुई दीवाल | चहारदीवारी शहरपनाह परकोटा । या बहुतायत २ समूह | " अभिलाषीपंगः (= प्राग्वंशः) (पु० ) | प्राचनसः (पु० ) मनु का नाम २ दश का नाम ३ वाल्मीकि का नाम । प्राच्य वि० ) १ पूर्वी देश था पूर्व दिशा में उत्पन्न या रहने वाला पूर्वी ३ प्राचीन पुरातन पूर्व का । पहिला | यज्ञमराटप विशेष जिसके खंभे पूर्व की ओर मुड़े हुए हों अथवा वह कमरा जिसमें यज्ञकर्ता के मित्र और कुटुम्बी एकत्र हो । २ पूर्व कालीन कोई राजवंश या पीढ़ी| वृत्तान्तः (वृत्तान्तः) ( 30 ) पुरातन घटना 1-शिरस, -शिरस, - शिरस्क. ( = प्राकृशिरसू आदि ) ( वि० ) पूर्व ओर सिर घुमाये हुए सन्ध्या (= प्राकू- सन्ध्या ) रुड़का सवेरा झुकझुका। सवनं, (=प्राकूसवनं ) ( न० ) प्रातःकालीन अग्नि- हो । स्रोतस्, (=प्राक्त्रोतस्) (वि० ) पूर्व की थोर बहने वाला। प्राच्याः ( पु० बहु० ) पूर्व दिशा के देश । सरस्वती नदी के दक्षिण या पूर्व के देश-भाषा, (सी०) वह बोलचाल की भाषा जो भारत में पूर्व देश में चोली जाती है। पूर्वी बोली। प्राच्यक ( वि० ) पूर्वी । प्राडू (वि० ) पंडने वाला। -विवाकः, ( = प्राडू- | विवाकः ) १ न्यायाधीश | २ वकील । प्राजक: ( ५० ) सारथी। रथ हाँकने वाला। माजनम् (२०)} कोड़ा| चाबुक । अङ्कुश भाजनः पु० ) 5 | प्राजापत्य ( वि० ) १ प्रजापति सम्बन्धी । प्राजापत्यं ( न० ) १ यज्ञ विशेष) २ उत्पादक शक्ति | प्राजापत्यः ( पु० ) १ हिन्दू धर्मशास्त्रानुसार आठ प्रकार के विवाहों में से एक २ प्रयोग का i प्राचंडयं ) ( २० ) १ प्रयक्षता | सीनता क्रोध प्रचण्ड्य ) २ भयङ्करता। प्राविका ( स्वी० ) मच्छर । २ डांस की जाति की जंगली एक मक्खी। प्राची (स्त्री० ) पूर्व दिशा |-पतिः (पु० ) इन्द्र का नामान्तर । मूलं, (न० ) पूर्व की ओर का आकाश | नामान्तर । प्राजापत्या ( श्री० ) १ एक इष्टि का नाम यह संन्यास ग्रहण के समय की जाती है। इसमें सर्वस्य दक्षिणा में दे दिया जाता है। २ वैदिक छन्दों के आउ भेदों में से एक। भाजिकः ( पु० ) बाज नामक पक्षी | भाजितृ प्राजिन् } (so प्राचीन ( वि० ) १ पूर्वी पूर्व दिशा का पूर्व दिशा की धोर मुड़ा हुआ । २ अगला पहला | पूर्व कथित | ३ पुरातन । पुराना । -धावीतं. (न० ) यज्ञोपवीत धारण करने का एक ढंग। इसमें वायां हाथ यज्ञोपवीत से बाहिर और यज्ञोपवीत | दाहिने कंधे पर रहता है । (यह उपवीत का उल्टा इस प्रकार का यज्ञोपवीत पितृकार्य में धारण किया | प्राजेशं ( न० ) रोहिणी नक्षत्र | जाता है)-कल्पः, ( पु० ) पहला कल्प | पूर्वकल्प 1-निलकः, ( पु० ) चन्द्रमा - पनसः, (पु० ) विल्ववृध । बर्हिसू, ( पु० ) ( पु० ) सारथी । गाड़ीवान | प्राज्ञ (वि० ) [ स्त्री० - प्राज्ञा या प्राज्ञी ] १ बुद्धि सम्बन्धी मानसिक २ बुद्धिमान विद्वान् । 9 1 चतुर ।
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