( ५७० ओशक -सयम 1 व्यय (पु० ) प्राखोस प्राणनाश मृत्यु | पु० ) प्राणायाम संशय ( पु० ) - सङ्कटम, (२०:-सन्देहः, (पु०) जान जोखिम यह व्यवस्था जिसमें भाग जाने का भय हो। -सद्मन, ( म० ) शरीर | देह -सार. ( वि० ) बल शक्ति अथवा ताकत वाजा 1-हर, वि० ) मारक नाशक घातक भरणलेवा - हारक, (वि० ) ग्रात्य नाश करने वाला :--हारकं, (३० ) वसनाभ 1 प्राणकः (पु०) जीवधारी शारखवारी १२ लोबान गन्धरस । [1] प्राणधः (पु० ) पवन । वायु २ तीर्थस्थान १३ धारियों का स्वामी प्रजापति । ● प्रागानं ( न० ) १ श्वास प्रश्वास २ जीवन जान प्रायानः ( पु० ) गला । प्रातिभ मत कालीन कर्म । ल ( पु० ) सबेस सबेरे का समय । -रोगः (पु०) चे बंदीजन या ● माद जो प्रातःकाल राजश्री का स्तुति पाठ कर राजा को जगाते थे ।-त्रिवर्गा, (= शतस्त्रिवर्गा ( श्री० ) गङ्गा- -दिनं, (न० ) दोपहर के पूर्व का समय। -प्रहरः ( पु०) दिन का प्रथम प्रहर । -भां, (पु० ) काक। कौक्षा भोजनं, ( न० ) कलेवा-सन्ध्या, (प्रातःसन्ध्या ) प्रातःकालीन भगवदुपासना का कृत्य विशेष | प्रातस्तन ( वि० ) [ श्री :- प्रातस्तनी ] प्रातःकाल सम्बन्धी । प्रातस्तरां ( अन्यथा० ) बड़े तबके । प्रातस्त्य (वि० ) प्रातः काल सम्बन्धी । प्राति: (स्त्री०) अँगूठे और तर्जनी के बीच का स्थान । पितृतीर्थं प्रातिका ( स्त्री० ) जवा का मेल -- प्रातिकूलिक ( वि० ) [ श्री० -- प्रातिकूत्तकी ] विरुद्ध विरोधी प्रतिकूल 1 प्रातिकूल्यं (न० ) प्रतिकूलता। विरोध | प्रातिजनीन (वि० ) [स्त्री० -प्रातिजनीनी ] विरोधी के उपयुक्त मात्र के लायक प्रातिज्ञ ( न० ) विवादग्रस्त विषय | - प्रातिदेवसिक ( वि० ) [ स्त्री० -- प्रातिदैवसिकी ] निस्य होने वाला। प्राणित (वि० ) जीवित । जिन्दा | माथिन् (वि० ) ज़िदा जीवित । ( पु० ) १ प्राण- धारी। २ मनुष्य (१० ) प्राणधारी के शरीर का अवयव --जातं, (न० ) पशु की एक समस्त श्रेणी-धूतं, (न० ) धर्मशास्त्रा- नुसार वह बाजी जो मेढ़े, तीतर, घोड़े आदि जीवों । प्रातिपद] (वि०) [स्त्री० --प्रातिपदी] १ आरम्भ करने प्रातिपक्ष (वि० ) [ स्त्री० - प्रातिपक्षी ] विरुद्ध | प्रातिपदयं ( ० ) शत्रुता | वैरीपन । ● की लड़ाई पर लगायी जाय। पीडा ( स्खी० ) बाला २ प्रतिपदा तिथि सम्बन्धी या प्रतिपदा का उत्पन्न । पशुओं के साथ निर्दयीपन का व्यवहार 1-हिंसा f ( स्त्री० ) पशुओं का अनिष्ट (- हिता, (स्त्री० ) | प्रातिपदिकः पु० ) अग्नि जूता प्राणत: } < 5० ) पचन । वायु | इवा । प्रती ) ( स्त्री० ) 1 भूख २ सिसकन । ३ प्राणन्ती हिचकी। प्राणाय्य ( वि० ) [ श्री० - प्राणाय्यी ] उपयुक्त उचित ठीक। योग्य 1 ) प्रातिपदिकं ( न० ) संस्कृत व्याकरणानुसार वह अर्थवान् शब्द जो धातु न हो और जिसकी सिद्धि विभक्ति लगने से न हुई हो। प्रातिपौरुषिक ( वि० ) [ श्री० -- शतिपौरुषिको ] पुरुषार्थ या मरदानगी सम्बन्धी प्राणी ( २० ) कला | ऋण। प्रातर (धन्यवा० ) 1 सड़के। भोर ही सबेरे । २ आने बाला कल का दिन ।-~~-अन्दः, (पु०) दोपहर के पूर्व - ध्याशः, (पु० ) कलेवा 1-आशिन, ( पु० ) वह पुरुष जो कलेवा खा चुका हो 1-प्रातिभ (वि० ) [ स्त्री० -प्रातिभी ] प्रतिभा कर्मन, ( न० ) - कार्य, कृत्यं, ( न० ) सम्बन्धी । -
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