( ५७४ ) प्रावृत प्रावत ( ३० कृ० ) घिरा हुआ सच्छादित का हुआ पर्दापरा हुआ प्राचून (२०) | घुघट सुरवा चादर। पिछौरा | प्रातः (४०) ) ( यह कीजिङ्ग भी है। ) प्राश्रुतिः ( सी० ) १ घेरा हाता वाहा । रोक १२ मा सम्बन्धी अज्ञान । आध्यात्मिक अन्धकार । प्रावृत्तिक (वि० ) [ श्री० प्रावृत्तिकः ] अप्रधान | गौ। प्रावृत्तिकः ( पु० ) दूत | गुढची | आवृष् ( श्री० । वर्षा ऋतु अन्ययः ( 50 ) [-आवृडत्ययः ] वर्षाऋतु का अन्त - कालः, (आबुट्कालः ) ( पु० ) वर्षा ऋतु बस- काला। बसत । प्रास्त प्राशनीय (न० ) भोजन मामग्री। खाद्य पदार्थ | प्राशस्य (न०) उत्तमता। यशसा का भाव । प्रधानता । श्रेष्ठता प्राशित ( ३० कृ० ) खाया हुआ । भरित । प्राणितं (न०) पितृतर्पण पितृयज्ञ | प्राश्निकः ( पु० ) १ परीक्षक | २ पंच | हारजीत का निर्णायक । न्यायावीश । प्राशनं (५०) १ साना। भोजन करना | २ खिलाना | ३ भोजन भोज्य पदार्थ | प्रासः (पु० ) प्राचीन कालीन एक प्रकार का भाला। इसमें ७ हाथ लंबी बॉस की छड़ लगायी जाती थी और उसकी एक नोंक पर लोहे का नुकीला फल रहता था। यह फल बड़ा तेज़ होता था और उस पर स्तबक घड़ा रहता था। यरछी । भाला। प्रासकः ( पु० ) १ प्रास २ पौसा | प्रासँगः पासाः } (S० ) पशु का जुध। प्रासंगिक ) (वि०) [घी० - प्रासङ्गिको] १ प्रसङ्ग प्रासङ्गिक ) सम्बन्धी । २ प्रसङ्गागत | इइत्तिफाकिया । ४ प्रस्तावानुरूप । २ समयोचित | ६ उपाख्यान घटिस या तदन्तर्मुक्त | } ( पु० ) हल में चला हुआ बैल । प्रावृषः (पु० ) } वर्षा ऋतु । वर्षाकाल | प्रावृषा (स्त्री० ) प्रावृषिक ( वि० ) [ स्त्री० प्रावृषिकी ] वर्षाऋतु में उत्पन्न | प्रावृषेराय ( वि० ) १ वर्षाऋतु में उत्पन्न या वर्षाऋतु सम्बन्धी २ वह (किरत ) जो वर्षाऋतु में अदा की जस्य | प्रावृषेण्यं ( ० ) असंख्यता प्रादुर्थ श्राधिक्य | प्रावृषेश्यः (०) कदम्ब वृक्ष | २ कुटज कुरैया प्रानुष्यः ( पु० ) कदम्ब वृद्ध विशेष | २ कुटज कुरैया। प्राधेश्यं ( न० ) वड़िया ऊनी चादर प्रावेशन (वि० ) [ श्री०- प्रावेशना ] ( वस्तु ) जो प्रवेश करने पर दी जाय या यह ( कार्य ) जो प्रवेश करने पर किया जाय। प्रवेशनं ( म० ) अर्चा] पूजन प्रावेशिक (वि०) [ श्री० प्रावेशिकी ] प्रवेश सम्बन्धी या प्रवेश से युक्त प्रवेश का साधन भूव। जिसके द्वारा ( रंगशाला या भवन में ) प्रवेश मिले | प्राज्यं 3 ( म० ) प्रव्रज्या सम्बन्धी । संन्यासी का | प्रासिकः ( पु० ) प्रासधारी । भालाधारी । साम्राज्यं जीवन । प्राशः ( पु० ) १ भोजन करना । खाना । चखना | २ | प्राकृतिक (वि० ) [ स्त्री० --प्रासूतिकी ] प्रासूति सम्बन्धी जा सम्बन्धी । भोजन | भोज्य पदार्थ । मासंग्य प्रासङ्ख्य प्रासादः ( पु० ) महल राजभवन विशाल भवन | २ राजप्रासाद । शाहीमहल ३ देवालय ( मन्दिर । -अङ्गनं, (न० ) राजभवन का आँगन (-- थारोहणं, (न० ) राजभवन पर चढ़ना या उसमें प्रवेश करना | कुफ्फुटः (पु०) पालतू कबूतर | -तलं, (न० ) राजभवन की छत या फ़र्श | -~-पृष्ठः, (१०) राजभवन के ऊपर का छज्जा या बरामदा ।~-प्रतिष्ठा, (स्त्री०) मन्दिरकी प्रतिष्ठा -शायिन. ( वि० ) राजभवन में सोने वाला। --भृङ्गम् (न० ) राजभवन या मन्दिर कलस या गुमटी | प्रास्त (व० ० ) १ फेंका हुआ छोड़ा हुआ । २ निकाला हुआ बहिष्कृत किया हुआ।
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