बहुतर अनेर बच की माता स्वन ( ५० ) की जा रहुत चावा हो उल्लू बहुक (30) १ सूर्य २ अर्क मदार | ३ कैकड़ा| कुकुट जातीय पक्षी विशेष | बहुतर (वि० ) अतिशय । अधिकतर बहुतन ( वि० ) अतिशय प्रचुर बहुतः ( धन्यया० ) अनेक पहलुओं से। कमान धनुष (को०) १ तीरों की कतार ।- व्याश्रयः, ( पु० ) तरकस धूणीर |-गोचर (पु० ) तीर की -जालं, (न०) धनेक तीर । जिल् तूराः-धिः, ( पु० ) तरकस मार ( पु० ) विष्णु /- तूणीर 1-पाणि ( वि० ) धनुर्धर 1-पातः, ( पु० ) १ भूमि का माप जितनी दूर तीर जा कर पड़े २ तीर की मार -मुक्तिः, (५०) -मोक्षण. ( न० ) सारना /- येोजनं. ( न० ) तरकस |वृष्टिः (स्त्री० ) बाणों की वर्षा - वारः, (पु० ) कवच - सुताः, (स्त्री० ) उपा जो वाणासुर की बेटी थी। हनू. (पु०) विष्णु वाणिनो देखो वाहिनी । बहुल ( वि० ) १ प्रचुर | अधिक। ज्यादा २ गाड़ा। सघन कसा हुआ । ३ काला आलाप, ( वि० ) बातूनी । यकवादी-गन्धा, (स्त्री० ) | वादर (वि० ) [ स्त्री० - बारी ] बेरवृक्ष सम्बन्धी । इलायची २ कपास का पेड़ | बहुता | विज्ञ प्रचुर अनेकता बहुत्वं 1 बहुति ( वि० ) अधिक संवा बहुत बहुधा ( अव्यचा० ) १ अनेक डंगों से बहुत प्रकार से बहुत करके प्रायः । अकसर ३ अधिकतर अवसरों पर ४ अनेक स्थानों या दिशाओं में बहुलं ( न० ) १ आकाश | २ सफेद गोलमिर्च बहुलः (पु० ) १ कृष्ण पर| २ अग्नि | बहुला ( स्त्री० ) १ गौ। २ इलायची | ३ नील का कृत्तिका मध्य पौधा 1 चाडवः देखो वाडवः | बाड्वेय देखेर वाडवेय बाडव्यं देखो वाडव्यम् । बाढ (वि० ) १ इद | मज़बून | २ उथ | बाढ़ (अध्यवा० ) १ निश्चय रूप से निश्चय २थाह हाँ ३ बहुत अच्छा ४ अतिशय अत्यधिक । का ऐन था थन के पुत्र का नाम कपि का नाम । अवश्य तथास्तु । बाणः (g०) १ तीर । नरकुल सरपत २तीरका । ३ तीर की यह नोंका जिसमें पर लगे हों। गाय www बाघ, बाधा श्योग विशेष ६ दैत्यराज बलि 4 ७ हयवर्धन राजा क एक दरवारी पाँच संख्या १ -असनं, (न०) (प्रावलिः - धावजी, बहुलिका (की०बहु० ) कृतिका नक्षत्र पुआ | बहुगस (अन्य ) १ अधिक अधिकता से प्रचुरता से २ अक्सर बहुधा 9 1 से साधारणतः । मामूली तौर से । याकुलं (न० ) बकुल चूठ के फल | बाड् (धा० आत्म० ) [ वाडते ] १ स्नान करना | २ | वादरिक (वि० ) [ स्त्री० - वादरिकी ] बेरों को - डूबना। बीन कर एकत्र करने वाला। → वादरं (न० ) १ बेर का पेड़ | २ रेशम ३ जल । सूती कपड़ा। ४ दहिनावर्ती शङ्ख । बादः (g० ) रूई का भाड़। बादा (स्त्री० ) कपास का पौधा । बादरायणः (पु० ) वेदम्यास का नामान्तर / --सूत्रं, ( न० ) वेदान्त दर्शन/सम्बन्धः, ( पु० ) कति रिश्ता | बादरायणः ( पु० ) शुकदेव जी का नाम, जो के पुत्र हैं। बाघः ( पु० ) बाधा ( श्री० ) बाबू ( धा० आत्म० ) [स्त्री०- बाघते, बाधित] १ सताना अत्याचार करना। जुल्म करना। दवाना। कर । कष्ट देना। २ सामना करना । मुकाबला करना। ३ आक्रमण करना | ४ भङ्ग करना | ५ अनिष्ट करना। घायल करना । ६ भगा देना हटा देना ७ खारिज करना | बरतरफ " करना नष्ट करना । 11 पीड़ा | कष्ट । सन्ताप । अत्याचार | २ छेड़खानी |
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५९७
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति