धन्याहार्यः अन्याहार्यः ( पु० ) ) [मृत पुरुष के उद्देश्य से प्रति अन्वायम् (न० ) (अमावास्या के दिन किया व्यन्वाहायकम् (न०) जाने वाला मासिक श्राद्ध। अन्वाहिक (वि० ) [ स्त्री० - [अन्वाहिकी ] दैनिक | थन्वित ( व० कृ०) १ युक्त । सम्बन्धमाप्त | २ किसी पद्य के शब्द जो वाक्यरचना के नियमानुसार यथास्थान रखे गये हों। ३ साधयं के अनुसार भिन्न भिन्न वस्तु जो एक श्रेणी में रखी हुई हों। भन्योक्षणं ( न० ) १ ध्यान से देखना २ खोज। अन्वीक्षणा ( स० ) अनुसन्धान | विचार | अन्वीत देखो अन्वित | अचं (अव्यया० ) पद्म के बाद पद्म प्रवेशः (पु० ) अन्वेषणम् (न० ) अन्वेषणा (स्त्री०) अन्वेषक अन्वेषिन प्रवेष्ट अनुसन्धान 4 तालारा । हूत | खोज | ( वि० ) खोजने चाला । तलाश। करने वाला । अपू] (स्त्री०) [ इसके बहुवचन ही में रूप होते हैं। आपः, अपः, अनिः, अनुयः, अपां किन्तु वैदिक साहित्य में इसके रूप में एकवचन और बहुबचन में जल । पानी नाम ।२ समुद्र | । अप (अन्यया० ) जब यह किसी क्रिया में उपसर्ग के रूप में जोड़ा जाता है। सब इसका अर्थ होता है दूर हट कर विरोध अस्वीकृति | खगढन । वर्ज़न । कई स्थलों पर अप का अर्थ होता है बुरा । श्रश्रेष्ठ | बिगड़ा हुआ । अशुद्ध | अयोग्य | अपेक्रामः अपकर्मन् (न०) १ दुष्कर्म | दुराचार | दुष्टाचरण | २ दुटता। अत्याचार ज्यादती | ३ कई अदा करना । ऋण चुकाना । "दत्तस्यानपकर्मच ।" ( मनु० ) अपकर्षः (पु० ) नीचे को खींचना : २ घटावा । अपकर्षक ( वि० ) घटाने वाला | छोटा करने वाला । कमी | उतार | ३ निरादर अपमान बेकद्री । नीचे खींचने वाला। छापकरणं ( न० ) अनुचित रीति से वर्तना | २ डुराई करना । अपमान करना। चिड़ाना। दुर्भ्य अपकर्षणम् ( न० ) १ हटाना। खींच कर नीचे ले जाना। खींचकर निकालना । २ कम करना । ३ किसी को किसी स्थान से हटाकर स्वयं उस पर बैठना। और अप्सु दोनों वचनों, अपकारकः मिलते हैं। ] प्रपकारी पतिः (पु० ) वरुण का | ध्यपकुशः ( पु ) दन्तरोग विशेष । अपकारः (पु०) अनिष्टसाधन द्वेप द्रोह | बुराई | नुकसान | हानि । अनभल । अहित । २ दुष्टता अत्याचार उम्रता ३ थोड़ा या नीच कर्म |-अर्थिन् (वि०) विद्वेषकारी । अनिष्ट- प्रिय दुराशय - शब्दः (पु०) गालियाँ | कुवाच्य | अपमानकारक उक्ति । अपकारिन पहुँचने वाला । हानिकारी । २ अपकारक है (वि०) १ अनिष्टकर्त्ता । क्षति विरोधी । द्वेषी । ( पु० ) अपकार करने वाला। बुराई करने वाला । अपकृत (वि० अपकृष्ट ( व० कृ० ) ६ हटाया हुआ | खींच कर ले प्रकृति ( स्त्री० अपकार किया हुआ। अपकारी। अपक्रिया अपकार । प्रति । जाया हुआ । २ नीच दुष्ट । क्षुद्र अपकृष्टः ( 3० ) काक। कौथा। अपकौशली (स्त्री० ) खबर | समाचार सूचना | । अपतिः ( स्त्री० ) १ कच्चापन | २ अजोएँ । अपक्रमः (50) १ पलायन भग्गड़ दौड़ भागना। २ ( समय का ) निकल जाना। (वि०) अस्त- व्यस्त गड़बड़ हार करना। घायल करना । ध्यपकर्तृ (वि० ) सांघातिक। अनिष्टकर | अप्रीति अपक्रमणम् ( न० ) } पलायन । (सेना का ) पीछे कर (पु०) शत्रु | ) बचकर निकल जाना। हटजाना । निकलभागना ।
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