मध्यमिका मध्यमिका ( स्त्री० ) लड़की जो विवाह योग्य हो गयी ! अध्वः (१०) दक्षिण भारत के एक प्रसिद्ध वैष्णव- सम्प्रदायाचाये और माध्वसम्प्रदाय के प्रवर्तक । इनको लोग वायु का अवतार मानते हैं। इनके बनाये बहुत से ग्रन्थ और भाष्य है । इनके ! सिद्धान्तानुसार सर्वप्रथम एक मात्र नारायण थे । उन्हींसे समस्त जगत तथा देवतादि की उत्पत्ति हुई। ये जीव और ईश्वर को पृथक पृथक् सत्ता मानते हैं। इनके दर्शन को पूर्णप्रदर्शन कहते हैं और इनके सिद्धान्त को मानने वाले इनके | सम्प्रदाय के लोग साध्य कहलाते हैं। मध्वः (पु० ) शहद की मक्खी । मध्विजा ( स्त्री०) कोई भी नशीली चीन जो पीजाय | शराब मदिरा | मन् (धा० परस्मै०) [ मनति ] १ अभिमान करना । २ पूजन करना | मननम् ( न० ) १ चिन्तन | बुद्धि समझदारी । तर्कद्वारा निकाला हुआ परिणाम | ३ कल्पना | -मनसू (न०) १मन | हृदय । बुद्धि | प्रतीति । प्रतिभा २ न्याय में मन को एक अन्य और थात्मा या जीव से भिन्न माना है | ३ वैशेषिक दर्शन में मन को एक अप्रत्यक्ष द्रव्य माना है। संख्या परिणाम, पृथकत्व, संयोग विभाग, परत्व, अपरत्व और संस्कार मन के गुण बतलाये गये हैं। मन अणु रूप है । ३ प्राणियों में वह शक्ति जिसके द्वारा उनको वेदना, सङ्कल्प, इच्छा. द्वेष, प्रयत्न बोध और विचार आदि का अनुभव होता है। अन्त:- करण | चित्त ४ विचार धारणा कल्पना | खयाल | २ मंशा | मनसूवा । ६ इच्छा कामना । अभिलाषा | सम्मान । झुकाव | ७ निधिध्यासन | भावना | ८ प्राकृतिक स्वभाव | बान | ६ स्फूर्ति उत्साह | १० मानसरोबर झील | ~ अधिनाथः, ( पु० ) प्रेमी | पति - अनवस्थानं, ( न० ) अनवधानता।-अनुग, (वि० ) इच्छानुसार 1 - अपहारिन्, ( वि० ) मन को वश में करने वाला। - आप (वि० ) आकर्षक 1 - कान्त, मनसू ( वि० ) [ मनस्कान्त या मनःकान्त ] मन को प्रिय 1 - - क्षेप. ( पु० ) मन की विकलता | गत, ( वि० ) १ मन में वर्तमान | मन का। भीतरी । गुप्त | २ मन पर प्रभाव डालने वाला। - गतं, ( न० ) १ अभिलाषा | २ विचार | धारणा । नत | – गतिः, (सी०) हृदयाभिलाष - गयो, ( स्त्री० ) इच्छा | कामना । - गुप्ता, ( स्त्री० ) लाज मैनसिल 1-ज, जन्मन्, ( वि० ) मन से उत्पन्न | ( पु० ) कामदेव । - जब, (वि०) १ मन के समान वेगवान् । २ विचार करने या कोई बात समझने में फुर्तीला । ३ वाप का पैतृक -जात. (वि०) मन से उत्पन्न । -- जिन. (वि० ) मन की बात को ताड़ना - ज्ञ ( वि० ) मनोहर | प्रिय 1- ज्ञः, ( पु० ) गन्धर्व का नाम । - ज्ञा, (स्त्री०) १ मनसिल । २ नशा : ३ राजकुमारी (तापः, -पीड़ा (स्त्री०) मानसिक २ पात्ताप । -तुटि: (स्त्री० ) सन का सन्तोष । —तोका (स्त्री० ) दुर्गा - दराड, ( पु० ) मन पर पूर्ण अधिकार। - दाहः, ( पु० ) दुःखम् ( न० ) मानसिक पीड़ा 1 नीत. ( वि० ) मन के अनुकूल पसंद । चुना हुआ। – पतिः, (पु० ) विष्णु । -पूत, (वि०) १ जो मन से पवित्र माना गया हो । जिसका चित्त ने मान लिया हो । २ शुद्ध मन का - प्रीतिः, (स्त्री०) मानसिक सन्तोष । हर्ष आनन्द । - भवः, ( पु० ) - भूः, ( पु० ) १ कामदेव । २ प्रेम | कामुकता । - मथनः, ( पु० ) कामदेव । - यायिन् (वि०) १ अपनी इच्छानुसार चलने वाला । २ फुर्तीला । योगः, ( पु० ) मन को एकाग्रता | मन को एकाग्र कर के किसी और उसको लगाना । - योनिः, ( पु० ) कामदेव - रञ्जनम्. ( न० ) मन को प्रसन्न करने वाला। दिलबहलाव | मनोविनोद | - रथः, ( पु० ) . अभिलाषा । इच्छा | कामना । —रम, ( वि० ) मनोज्ञ | मनोहर । सुन्दर । -- रमा. ( स्त्री० ) १ सुन्दरी स्त्री । २ एक प्रकार का रोगन । राज्यं, ( न० ) मानसिक कल्पना । -लयः, ( पु० ) विवेक का नष्ट होना । —जौल्यं. (न० ) लहर |
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