( ६४२ मतृ मस्तृ कोशः, कोपः (पु० ) वेदान्त | दर्शन के अनुसार पाँच कोशों में से तीसरा केश मन, अहङ्कार और कर्मेन्द्रियां इस कोश के अन्तर्गत हैं | 1
- ) मनुष्य जाति । ( स्त्री० ) बुद्धि | समझ । ।
( पु० ) पण्डित | बुद्धिमान पुरुष | सलाहकार । | परामर्शदाता | ( धा० आत्म० ) [ मंत्रयते, मंत्रयति मंत्रित ] १ सलाह लेना। २ सलाह देना। ३ अभिमंत्रित करना | ४ कहना । बोलना। बातचीत करना। · ( पु० ) १ वैदिक वाक्य : निरुत के अनुसार वैदिक मंत्र तीन प्रकार के माने जाते हैं। यथा परोक्षकृत, प्रत्यक्षकृत और आध्यात्मिक । २ वेशशें | ) मथ मन्य मूलमंत्र -भेदः, (पु० ) सलाह का प्रकट कर देना। मूर्तिः ( पु० ) शिव जी । मूलं, ( न० ) इन्द्रजाल | जादू 1 - योगः ( पु० ) १ मंत्र का प्रयोग २ तंत्र - विद्या. ( स्त्री० ) तंत्र विद्या /-संस्कारः, (पु० ) मंत्र पढ़ कर किया हुआ संस्कार । --संहिता, (श्री०) वेदों का । यह अँश जिसमें मंत्रों का संग्रह हो । - साधकः, ( पु० ) तांत्रिक | ~ सिद्धिः (स्त्री० ) मंत्र का सिद्ध होना। मंत्र की सफलता मंत्र द्वारा प्रा शक्ति | मंत्रणा (स्त्री० ) ) मंत्र ( न० ) } परामर्श सलाह मशवरा । मंत्रित (व० कृ०) १ मंत्र द्वारा संस्कृत । अभिमंत्रित । २ परामर्श किया हुआ | ३ कहा हुआ। निश्चित | तैशुदा | का मंत्रभाग जो ब्राह्मण भाग से भिन्न है । ३ जादू । इन्द्रजाल ४ स्तुति | प्रार्थना | १ मंत्रणा -आराधनं, (न० ) मंत्र द्वारा किसी अभीष्ट की प्राप्ति ।- उदकं जलं. तोयं, चारि, ( न० ) मंत्र से अभिमंत्रित जल /-उपट्रम्भः ( पु० ) परामर्श द्वारा समर्थन करना |- करणं, ( न०) १ बेनुसंहिता र वेदपारायण । कारः, ( पु० ) मंत्ररद्धा ऋऋषि - कालः, ( पु० ) परामर्श का समय।--कुशल, (वि० ) परामर्श देने में निपुण । — कृत्, (पु०) श्वेद का रचयिता | २ वेदपाठी । ३ परामर्शदाता ४ दूत एलची। गण्डकः, ( पु० ) विज्ञान | ज्ञान |-गुतिः, ( श्री० ) गुप्तपरामर्श | - गूढ़ः, (पु० ) गुप्तचर | आसूस 1-जिह्वः, ( पु० ) अग्नि 1ः, (पु०) ३ परामर्शदाता 1 २ परिवत । श्राह्मण ! २ गुप्तचर | जासूस /~-दः - दातृ ( पु० ) | मन्थः दीपा या मंत्रदाता गुरु/- दर्शिन (१०) १ मंत्र- दृष्टा ऋषि | २ वेदवित् । वेदज्ञ | दीधितिः, ( पु० ) अग्नि | - श ( पु० ) १ मंत्रदृष्टा | २ परामर्शदाता |-देवता, (स्त्री० ) वह देवता जिसका उस मंत्र में आह्वान किया गया हो। - घरः (न० ) परामर्शदाता १- निर्णयः, (१०) विचार करने के पीछे अन्तिम फैसला 1-पूत, } ( वि० ) मंत्र द्वारा पवित्र किया हुआ ।--बीजं, | -पीजं, (न० ) किसी मंत्र का प्रथमाक्षर । मंत्रिन ( पु० ) १ सचिव राजा का श्रामाध्य धुर, (वि० ) सचिव के पत्र का दायित्व उठा लेने योग्य पतिः, - प्रधानः, -प्रमुखः, - चरः, -श्रेठः, (पु० ) प्रधान सचिव या आमास्य - प्रकाण्डः, ( पु० ) श्रेष्ठ सचिव | -श्रोत्रियः (पु० ) सचिव जो वेदवित् हो । मंथ, मन्धू ) ( धा० परस्मै० ) [ मंथति, मथति, मधू > समाति, मथित ] मथना । बिलोना | मथ कर निकालना । २ हिलाना । ३ पीस डालना। पीड़ित करना । सन्तप्त करना। ४ घायल करना । २ नाश करना । वध करना । मसल डालना ६ चीरना। फाड़ना । मंथः } (g० ) 1 मंथन । बिलोना । हिलाना । गड्बड्ड करना ३ शरवत जिसमें कई वस्तुएं मिली हॉ ४ मथानी । रईं । ५ सूर्य ६ सूर्य की किरण ७ आँख का कीचड़। आँख का जाला या मोतिया बिन्द ८ यंत्र जिससे झाग उत्पन्न की जाती है। -अचलः, - भदिः - गिरिः - पर्वतः, - शैलः, (पु० ) मन्दराचल पर्वत --उदकः- उदधिः, ( पु० ) दूध को समुद्र ।-गुणः, (पु०) मंथन दण्ड की रस्सी जं, (न०) मक्खन । -दण्डः, - दण्डकः ( पु० ) मथानी | रई।