मैत्रेय मैत्रेयः (पु० ) एकवलहर जाति विशेष | मैत्रेयकः ( पु० ) वर्णसहर जाति विशेष मैत्रेयिका (स्त्री० ) मित्रों की लड़ाई। मिनयुद्ध मैत्र्यं ( न० ) दोस्ती मेल मिलाप | 1 J ( ६८० ) मैथिलः (५०) मिथिला देश का राजा | मैथिली (स्त्री० ) सीता जी । मैथुन (वि: ) [ स्त्री० --मैथुन] १ हुआ। २ विवाह में जोड़ा मिला हुआ। ३ सम्भोग | मोक्षणं (न० ) : रिहाई छुटकारा | २ मोचन १३ सम्बन्धी । बन्धन राहित्य | ४ त्याग ५ बहाव । गिराव ( जैसे आँसुओं का ) ६ बरबाद कर देने की क्रिया | मैथुनं ( न० ) १ स्वीमसङ्ग १२ विवाह ३ संसगं | समागम 1--ज्वरः, ( पु० ) मैथुनेच्छा की उद्विग्नता/~ घर्मिन् (वि०) सम्भोग क्रिया | -वैरायं, (न० ) स्त्री प्रसङ्ग से अरुचि । मैथुनिका ( स्त्री० ) विवाह द्वारा संयोग । वैवाहिक सम्बन्ध या मेल । मोटक, मोटक ५ अधःपात अधोगमन गिर जाना ६ बील बंधन से मुक्ति ७ पात | वहाव मृत्यु 1 छोड़ने की किया दाराने की क्रिया | ३ बखेरने की किया १० उमण होने की क्रिया ११ ग्रहण के छूटने की क्रिया) - उपायः, (पु० ) प्राप्ति के साधन। -देवः, ( पु० ) चीनी यात्री हुएन सांग की उपाधि द्वारं ( न० ) सूर्य पुरी, ( स्वी० ) काची की उपाधि मैधावकं (न० ) बुद्धि । प्रतिभा मैनाकः ( पु० ) सेना के गर्भ से और हिमालय के वीर्य से उत्पन्न पर्वत विशेष । केवल इसीके पर रह गये हैं। स्वसु, (बी० ) पार्वती । मैनालः (पु० ) मञ्जुवा धीमर मैदः ( पु० ) एक दैत्य जिसे श्रीकृष्ण ने मारा था -- हन, ( पु० ) श्रीकृष्ण का नाम। मैरेयं ( न० ) ) गुड़ और घर के फूलों की बनी मैरयः ( पु० ) ( हुई एक प्रकार की शराब जो मेरेयक ( 50 ) प्राचीन काल में व्यवहत की मैरेयकः ( न० ) ) जाती थी। J माध (वि० ) १ निष्फल | व्यर्थ । जिसका कुछ फल १ न हो। जिसमें कुछ लाभ न हो असफल २ निष्प्रयोजन | निरुद्देश्य | ३ व्यक्त | त्यागा हुधा ४ सुस्त । काहिल ~कर्मन् (वि० ) ऐसे कर्म में लगा हुआ जिसका फल कुछ भी न हो। --पुण्या (स्त्री० ) बाँक स्त्री 1 मोघं (अव्यया० ) व्यर्थं । निष्प्रयोजन | मोघोलिः (पु० ) मैंद | हाता | बाड़ा । मोघः ( पु० ) घेरा हाता| मेड़ भायं ( न० ) केले का फल । भोचः (पु० ) १ मोचकः ( पु० ) केले का वृक्ष २ शोभाअन वृक्ष । भक्त | साधु | २ मोच | मुक्ति | ३ केले का पेड़ | मोचन (वि० ) [ सी० सोचनी ] छुड़ाने वाला। रिहा करने वाला। मोचनम् (२०) ·) १ रिहाई | चुटकारा | मोछ । २ जुर्थों में से खोलने की क्रिया ३ छोड़ने की क्रिया । ४ उॠऋण होने की क्रिया कः ( पु० ) इसी साफी जज साफ करने का मंत्र । 1 1 मैलिन्दः (5० ) अमर | भौंरा । मधुमक्षिका मोकं (न० ) किसी जानवर का निकाला हुआ चाम मानू (धा० परस्मै० उभय० ) [ मोक्षति भोत्तयति, मोक्षयते ] : मुक्त करना । छोड़ देना | रिहा | मोचयितु ( वि० ) छुड़ाने वाला | छुटकारा देने वाला। कर देना। २ खोल देना। बंधन से रहित कर देना | ३ छीन लेना | खींच लेना ४ मा घुमा कर मारना ५ बहाना। गिराना। मोसः (पु० ) छुटकारा। स्वतंत्रता | २ बचाव | ३ मोटका ( पु० ) मुक्ति आवागमन या जन्ममरण से छुटकारा ४ | मोटर्क (न० ) ) मोचा ( स्त्री०) १ केले का पेड़ | २ कपाल का पौधा | मोचाट (पु० ) १ फैले के फल का गूदा का फल | २ चन्दन काष्ठ । गोली (न० ) भग्नकुशपत्र वय |
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६८७
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति