यत्र ! 1 (अव्यया०) जहाँ कहाँ जिस स्थान में किधर । २ कब जैसे “यत्र फाल” ! ३ चूंकि । क्योंकि । ज्य (वि० ) किस स्थान का किस स्थान का रहने वाला | यत्रम् पर २ इकरार के मुताविक ठहराव के अनुसार। चलन के अनुसार /- सम्भव ( वि० ) जहाँ सक हो सके। जितना मुमकिन हो । स्थानं, ( न० ) उपयुक्त स्थान स्थानं, (अन्य ) ठीक जगह पर T (अध्या० ) १ जिस प्रकार | जैसे । ज्यों । उदाहरणार्थ -कामिन, (वि० स्वतंत्र | स्वेच्छाचारी / कालः, ( पु० ) ठीक समय उचित समय पर 1-कालं, ( अभ्या० ) ! यद् ( सर्वनाम विशेषण ) कर्ना कवचन ठीक समय पर 1- क्रम - क्रमेण, (धन्यया० ) " यः । स्त्री० या न० यत् अथवा यद् ) कौनसा क्यों । } तरतीयवार । क्रमशः क्रमानुसार 1-क्षमं, (अव्यय०) यथाशक्य अपनी सामर्थ्य भर 1 यथावत् ( अव्यया० ) ज्यों का स्यों जैसा था वैसा हो । २ नियमानुसार । -काव्यप्रकाश । -संख्यं, संख्येन, ( धन्यवा० ) संख्या के अनुसार--समयं (अन्यया० ) १ ठीक समय - जात, (वि० ) मूर्खतापूर्ण | चेहूदा । बाहियाद | मूह ~~ज्ञानं, ( अभ्यया० ) अपनी समझ या जानकारी से सर्वोत्तम -तथ, (वि०) १ सत्य । सही । २ ठीक बिलकुल ठीक /- तथं, (न० ) किसी वस्तु का विस्तृत वर्णन। व्योरेवार या विगत | यः (पु० ) देवयानी से महाराज ययाति का ज्येष्ठ बार वर्णन-तथं, (अव्यया० ) १ ठीक तौर से | सही तौर से २ उचित रीति से ज्यों का त्यों 1 यदा ( अन्यथा० ) १ जिस समय जिस वक्त २ यदि || ३ जब कि । क्योंकि । कौन। जब | यदि (अव्यया० ) : अगर । जो । २ आया । २ यशर्ते कि जब कि । ४ कदाचित् । पुत्र और यादवों का पूर्वपुरुष प्राचीन कालीन एक प्रसिद्ध राजा कुलोद्भवः, नन्दनः- श्रेपुः, (पु० ) श्रीकृष्ण के नामान्तर । -दिक, दिशं, (अव्यया० ) हर ओर। इरतरफ। ~~-निर्दिए. (वि० ) जैसा कि पहले कहा जा | यच्छा ( खी० ) १ सनमानापन | स्वेच्छाचरण | २ चुका है।-न्यायं (अध्यया० ) ठीक ठीक । सही सही-पुरं, ( थव्यथा० ) जैसा कि पहिले । जैसा कि पूर्व अवसरों पर-पूर्व, (वि०) पूर्वक, (वि० ) १ जैसा पहिले था वैसा ही। पहले की नाई। पूर्ववत् । ज्यों का त्यों-भागं, ( म० ) -~भागशः, (अन्यथा० ) भाग के अनुसार हिस्से के मुताविक यथोषित-येाग्य, इत्तिफाकिया। अचानचक। - अभिक्षः ( पु० ) अपने मन से ( किसी के कड़े बिना ही ) गवाही देने वाला साशी-संवादः, ( पु० ) १ चाक- स्मिक वार्तालाय | २ स्वतः प्रवृत्त झालाप | थाक स्मिक सम्मिशन | 9 (वि० ) उपयुक्त । जैसा चाहिये वैसा । यथोचित | मुनासिव / विधि, ( अध्यया० ) विधि के | अनुसार शक्ति, शक्त्या ( अभ्या० ) सामर्थ्यानुसार शास्त्रं, (न० ) शास्त्रानुसार 1- $ गान के मुताबिक -श्रुतं, (अभ्यया० ) जैसा यंत्र ( धा० उभय० ) [ यंत्रति- यंत्रते. यंत्रयति-- सुना था जैसा कहा गया। २ वेद के अनुसार। -संख्यं. (न० ) अलङ्कार विशेष :-- यंत्रयते ] रोकना। निग्रह करना विवश करना। 1 कतिका समन्वयः ॥” यच्छातस् ( अध्यया० ) 1 आकस्मिक । इत्तिफा- किया । यव ( पु० ) १ परिचालक शासनकर्त्ता | नियन्ता । २ हाँफने वाला ( हाथी का, गाड़ी का ) ३ महा- बस या हाथी का सवार । बंधन में डालना। यंत्रम् ( न० ) १ निग्रह करने वाला टेक धूनी स्थम्भ २ बेदी बंधन तस्मा | ३ जरांही चौकार गुलिया भौधरा हो । ४ रस्सी चमड़े का ! विशेष कर वह जो किसी कार्य विशेष के
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