10 व विपर्ययः (पु० ) निरुत के अनुसार शब्दों में वर्णों का उलट फेर - विनासिनी, ( स्त्री० ) मदर्दी |~ विलोडकः, ( पु० ) वाला। पेंडा लगाने वाला । २ अन्यतस्कर 1 मंथ लगाने तिरका ! काव्यचेर । } लेखोर । भावचोर | उतिचार वृत्तं, ( म० वह पत्र जिसके चरणों में वर्गों की संख्या और लघुगुरु के क्रम में समानता हो। ( मात्रावृत का उल्य 1) व्यवस्थितिः, ( स्त्री० ) वर्णव्य स्था -श्रेष्ठः ( पु० ) श्राह्मण:- संयोग, ( पु० ) एक ही जाति के लोगों में वैवाहिक सम्बन्ध सङ्घर. (go यह व्यक्ति या जाति जो दो भिन्न भिन्न जातियों के स्त्री पुकार के संयोग से उत्पन्न हो । २ रंगों का मिश्रण | संघातः-समास्नायः, ( पु० ) वर्णमाला । ओलं वर्णकं ( न० ) १ रँग : रोवन हस्ताल धम्य का अध्याय स ( ७४१ ) 1 वर्षे ( म० ) १ ढुङ्क्रम | कैंसर । २ अंगराग विशेष | चाकः ( पु० ) १ एक्टर की पोशाक अभिनेता का परिधान या परिच्छद ! २ रंग रोगन ३३ अनु जेपन दबटन धारण भाव बँदीजन २ न } वशंका ( स्त्री० ) मुरफ फस्नूर्ण २ रेंग रोगन | ३ खवाड़ा| चुग़ा | वर्णभिः (पु० पानी। जज्ञ वर्णाः (पु० ) १ चितेरा वर्णनं (२०) चित्र रंगने को क्रिया २ वर्णना (स्त्री० ) वर्णन निरूपण निवेदन | ● ३ लेखन | २ लाघा | सराहना + . रंगसाज २ गवैया । ३. स्त्री की आमदनी से निर्वाह करने वाला स्त्री- कृताजीव । वर्णिका (स्त्री० ) १ अभिनयकर्ता का परिच्छेद २ रंग रोगन (३ स्याही | ४ क्रम : पेंसिल वर्णित ( च० ० ) रंगा हुआ | रोशन किया हुआ । २ निरूपित । वर्णन किया हुआ। ३ । प्रशंसित सराहा हुआ i 7 -किरातार्जुनीय वर्णन (स्त्री० ) १ स्त्री | : चार वर्गों में से किसी भी वर्ष की स्त्री वर्णाः : ( पु०) सूर्य, वराये ( दि०) वर्णन करने योग्य यण्यै ( ज८ । च॒ङ्कुस । केपः । यः (०)का माश-जन्मन् (5०) बादलोहं ( ० ) फूल सा वर्तक ( वि० ) जीवित | जिंदा। वर्तमान वर्तकः ( पु० ) यर: २ घोड़े का सुर वर्तकं (न० फूल कॉसा : वर्तका ( स्त्री० ) तीतर बढेर नर्तन (वि० ) १ रहने वाला । जीवित | २. अचल . M वर्तमान वर्णन (वि० ) रंग या रूप मम्पक्ष १२ किमी वर्ष या शति का ( पु० ) ने रंग- सा: २ लेखक ३ अचारी सुचार वों में से किसी वर्ष का पुरुष लिंगि ( वि०) बनावटी रूप धारण किये हुए महाचारी [ यथा- विदित भ गायोटिए खेलनये वर वर्तनं (ज० ) 1 जीव । जीवधारी | २ वासी निवासी ३ जीवित रहने का ढंग ४ निर्वाह ५ आजीविका १६ पेशा धंधा सरित्र व्यवहार कार्रवाई में मजदूरी वेतन | भाड़ा ६ व्यवसाय व्यापार १० नया: ११ गोहा गैड़ वर्तनः ( पु० ) बौना | वर्तनि: ( पु० ) १ भारत का पूर्वी अंचल । पूर्वी देश । २ | | वर्तनिः ( स्वी० ) राम्खा सड़क राइ वर्मनी ( श्री०) १ रास्ता | मार्ग | २ जीवन | जिंदगी ३ कूटना पीसना तथा वर्तमान (वि०) : विद्यमान | मौजूद | २ जीवधारी जिंदा | सहबेरगी| ३ घूमने वाला फिरने बाजा
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