वारक वित्तामिनी - सुन्दरी -श्री (श्री०) रंडी। वेश्या 1-कीरः, (पु० ) पत्नी का भाई । साका २ बाइवानल | ३ कंधी | ४ | चीतहर। - ५ सुरंग | युद्ध का घोड़ा :- बुवा. वृषा, ( श्री० ) केले का पेड़-मुख्या रंडियों के गिरोह का सारवाशाः ( पू० ) वाणं, - बखतर-वाणिः पु० ) नफीरी बजाने बाजा (०) - चाणः (०) कवच | बाजा बजाने वाला ३ वर्ष ४ न्यायकर्ता ज (०) - ' वेश्या 1-वाणी, ( श्री० ) रंडी --- मेवा (०) वेश्यापन : हिनाला रंडियों का समुदाय 1 का ( 92/ ) वार २० वारंवार (अव्यया० ) वारला ( ० १ बाराकसी (सी० ) वनारस | काशपुरी 1 पारांनिधिः ( पु० ) समुद्र । वाराह (वि० ) [ श्री०- वाराही ] शूकर सम्बन्धी - - कल्पः, (पु० ) वर्तमान का नाम - पुरावां, (न० ) अष्टादश पुराणों में से एक। शूकर । २ वृक्ष विशेष | वाराह (पु०) चाराही ( स्त्री० ) चारक (वि० ) अचन डालने वाला रोकने वाला। अवरोधक चारकं ( ० ) १ वह स्थान जहाँ पीड़ा होनी हो । २ बालव । हीवेर | घरकः ( पु० ) १ अन्न विशेष | घोड़ा | ३ घोड़े की चाल । वारकिन ( पु० ) १ विरोधी | शत्रु | शुभलवणों से युक्त अ वाला तपस्वी । ( पु० ) पक्षी वारंक: वारङ्कः वारंगः ? वारङ्गः ) समुद्र ३ ते खाकर रहने ( पु० ) सलवार की मूठ धुरी का दस्ता चार ( न० ) १ खेत २ अनेक स्खेत । चारा (श्री० ) हंस राजहंस वारणा (वि० ) [ श्री०-वारण ] रोकने वाला मना करने वाला सामना करने वाला समुहाने वाला । वारणं (न० ) १ रोक संयम रुकावट २ अ चन | ३ सामना । समुहाने की क्रिया | ४ बचाव | रक्षा । चारः ( पु० ) १ हाथी १२ कवच | बुषा, बुसा ~~वल्लभा, (सी० ) का पेड़ -- माह्वयं, (न० ● ) हम्सिनापुर का नाम । वाराणसी ( श्रो० ) काशी बनारस। . वारि वारी की शूकर के रूप में सुथरी | २ पृथिवी | ३ विष्णु शक्ति | ४ माप विशेष - प्रकार का महाकन्द जिसे कन्दः (पु० ) एक गैंठी कहते हैं। ! कई बार फिर फिर वारि (२० ) १ अल | २ तरल पदार्थ | ३ या डीवर | . 1 वारिः ) ( स्त्री० ) | हाथी के याँधने की रस्सी ! वारी जंजीर धादि । २ हाथी पकड़ने के लिये बनाया हुआ गढ़ा | ३ कँदी | मंदी | ४ जलपात्र | २ सरस्वती का नाम। ---ईशः ( पु० ) समुद्र -उद्भवं ( न० ) कमल शोकः ( पु० ) जॉक जलीका - कर्पूरः, ( पु० ) मत्स्य विशेष | इलीश | किमिः, ( पु० ) जाँक –चत्वरः. ( पु० ) जलाशय-चर ( वि० ) पानी में रहने वाला जन्तु :-चरः / पु० / १ मय १२ जलचर कोई भी जन्तु --ज (वि० ) जल में उत्पन्न -: ( पु० ) १ शङ्ख पौधा जं. ( न० ) 1 कमल । २ निमक विशेष ३ गैर सुवर्ण नामक पौधा ४ लवंग/तस्करः, (पु०) बादल। मेघ श्रा, (स्त्री० ) छवरी। छाता । दः, ( पु० ) चावल 1- ( पु० ) चातक पक्षी-धरः, (पु० ) बादल घिः, (पु० ) समुद्र ।-नाथः, (१० ) १ समुद्र २ रु देव | ३ बादल /- निधिः, (पु० ) समुद्र 1- पथः, (पु०) --पथं, (न० ) समुद्रयाना :-- प्रवाहः ( पु० ) पानी का करना । जलप्रपात - मसिः, ( पु० ) - A (पु० ) बादल । मेध ( पु० ) , यंत्र ( न० ) अर
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