विकृत विप्रकृत ( ० ० ) १ चोट खाया हुआ । अनिष्ट किया हुआ अपकार किया हुआ | ३ अपमा नित तिरस्कृत | कुवाच्य कहा हुआ। ४ सामना 1 किया हुआ। ४ वरला लिया हुआ। विप्रकृतिः (स्त्री० ) १ अपकार । मान तिरस्कार | कुवाव्य | ३ बदला । प्रति- उत्तर | ( ७७ ) } विशएक ( त्रि० ) दूरस्य दूर का विप्रतिकारः ( पु० ) प्रतिहिंसा बदला | २ चप- टि ( ० ० ) : खींच कर दूर किया हुआ या हटाया हुआ २ दूरस्थ दूर फासले पर३ निकला हुआ। धागे बड़ा हुआ लंबा किया हुआ। प्रतिरोध । प्रतिक्रिया । २ विप्रतिपतिः ( स्त्री० ) 1 विरोध ( मत का राय का ) २ आपत्ति। एतराज़ | ३ परेशानी | विकलता | ४ ४ पारस्परिक सम्बन्ध ५ अभिशता । विमतिपत्र ( ० ० ) ३ परस्पर विरुद्ध । मृत्तविरोधी २ विकत व्याकुल परेशान ३ विवादमस्त । झगड़े में पड़ा हुआ४ परस्पर सम्बन्ध युक्त | में विप्रतिषेधः (पु०) 1 नियंत्रण २ दो बातों का परस्पर विरोध | समानबल वालों का आपुस का विरोध। वन विश विलव. विप्रयोगः ( पु० ) १ अनैश्य | पार्थिस्य । त्रिलगाय 1 असङ्गति | २ ( प्रेमियों का ) वोह | वियोग | ३] भगड़ा मनमुटाव ३ वर्जन | वितिसारः ) ( पु० ) १ अनुताप | परिताप । पछ- विमतीसारः ) वाश । २ रोप क्रोध || विदुष्ट ( ० ० ) पापरत | २ कामी ३ मन्द | 1 मट | विप्रनष्ट (च० कृ०) खोया हुआ। २ व्यर्थ । निरर्थक | विषमुक्त ( व० ० ) १ छुटा हुधा छुटकारा पाया हुआ। (तीर, गोली, गोला फेंका हुआ। चलाया हुआ। ३ रहित । विप्रयुक्त ( ० ० ) : वियोजित । अलगाया हुआ । विशिष्ट । विभिन्न | जो मिला न हो । २ बिछुड़ा हुआ।३ मुक्त किया हुआ | योदा हुआ। ४ रहित किया हुआ विना । विप्रलब्ध ( ० ० ) 1 चुला हुआ । प्रसारित धोखा दिया हुया २ हताश निराश | ३ अपकार किया हुआ घनिष्ट किया हुआ | विमलब्धा ( श्री० ) वह नायिक जो सङ्केत स्थान में प्रियतम का न पा कर निराश या दुःखी हुई हो। त्रिलंभ ) ( पु० ) 1 धोखा | प्रतारण । छन । विप्रलम्भः । कपट | २ विशेष कर प्रतिभङ्ग करके अथवा मिथ्या बोल कर दिया हुआ धोखा | ३ झगड़ा । विवाद | ४ विवाह वियोग २ प्रेमियों का बियोग ६ साहित्य में विप्रलम्भ शृङ्गार [ विलम्भ शृङ्गार में नायक नायिका के विरहजन्य सन्ताप आदि का वर्णन किया जाता है।] विमलापः (पु० ) यकवाद स्पर्थ की कमक सारहीन वाक्य २ विवाद | भगड़ा | ३ विरुद्ध कवन ४ प्रतिभङ्ग । विप्रलयः ( पु० ) समूलनाश । विनाश । विलुप्त ( ० ० ) १ अपहत जो उड़ा लिया गया हो। २जिसके कार्य में विश्न था बाधा हाली गयी हो। विमलोभिन (पु० ) किङ्किरात और अशोक नामक वृक्ष हय का नाम । विप्रवासः (पु० ) परदेश निवास। विदेशवास विप्रश्निका ( स्त्री० ) स्त्री दैवज्ञ । स्त्री ज्योतिषी ! विहीण ( बि० ) रहित । विहीन | विप्रिय (वि० ) अप्रिय । अरूचिकर दुस्स्याडु | विप्रियं ( म० ) अपकार अधिकार सुरा कार्य । विप्रुष् ( स्त्री० ) १ बूंद | कतरा २ चिन्ह | धण्या | दाग बिन्दु विप्रोषित ( व० कृ० ) १ विदेश में रहने वाला। प्रवास में गया हुआ । २ निर्वासित :- सर्तृका, ( श्री० ) वह श्री जिसका पति या प्रेमी प्रवास में हो । विलयः (पु०) उतराना तैरना २ विरोध परेशानी । विकलता ४ उपव| हंगामा ( १
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