( ७७५) विभाज्य विभाज्य (वि० ) १ वाँटे जाने के योग्य | ३ खण्ड- नीय विभेद्य । विभातं ( न० ) प्रभाव | तड़का | विभावः (पु० ) १ (साहित्य में ) रसविधान में भाव का उद्बोधक। शरीर या मन के किसी विशेष परिस्थिति में पहुँचाने वाली अवस्था विशेष | २ मित्र परिचित । विभावरी ( स्त्री० ) १ रात | २ हल्दी | ३ कुटनी। दूती ४ वेश्या । रंडी | ५ व्यभिचारिणी स्त्री | ६ मुखरा स्त्री। विनमः विभीतः ( पु० ) विभीतं ( न० ) विभीतकः ( पु० ) विभीतकं (न० ) विभीतकी (स्त्री० ) विभीता (स्त्री० विभीषक ( वि० ) भयप्रद । डराने वाला । विभीषिका ( स्त्री० ) १ भय । डर । २ डराने का साधन पक्षियों को डराने का पुतला। विभावनं ( न० ) 2 : विवेक | विचार १२ वाद विभावना (स्त्री० ) ) विवाद । अनुसन्धान | परी | विभु (वि० ) [स्त्री० -विभु, विभ्वी] १ ताक़तवर | बलिष्ठ | बलवान । २ प्रसिद्ध क्षण ३ चिन्तन। ( स्त्री० ) साहित्य में एक अर्थालङ्कार इसमें कारण के बिना कार्य की उत्पत्ति या किसी अपूर्ण कारण से कार्य की उत्पत्ति या प्रतिबन्ध होने पर भी कार्य दिखलायी जाती है। ३ योग्य ४ दृढ़। थ्रात्मसंयमी जितेन्द्रिय | २ अनादि । सर्वगत | सर्वव्यापक | की सिद्धि | विभुः ( पु० ) १ एक प्रकार का उड्डायी तरल पदार्थ । २ आकाश | शून्य स्थान | ३ काल | समय ४ आमा जीवात्मा ३ प्रभु स्वामी ६ ईश्वर । ७ भृत्य | नौकर ब्रह्मा ६ शिव। १० विष्णु विभुग्न ( व० कृ० ) टेड़ामेंदा | मुड़ा हुआ । झुका हुआ। विभासा (स्त्री० ) दीप्ति | प्रभा आभा विभिन्न ( ६० कृ० ) १ तोड़ा हुआ । श्रग किया हुआ चीरा हुआ। फाड़ा हुआ। छिदा हुआ। २ घायल | विधा हुआ वितु ३ भगाया हुआ | हटाया हुआ ४ परेशान विकल उद्विग्न | २ इधर उधर फिरता हुआ ६ हताश ७ अनेक प्रकार का कई तरह का ८ मिश्रित किया हुआ रंगविरंगा | वेभिन्नः ( पु० ) शिव जी । व का पेड़। विभावित ( व० ० ) १ प्रादुर्भूत। जो स्पष्ट दिख- लायी दे । २ जाना हुआ । समझा हुआ । चिन्तितं किया हुआ | ३ देखा हुआ । पहचाना हुआ | ४ विचारा हुआ । विवेचित । विवेचना किया हुआ । ५ लक्षित सूचित। बतलाया हुआ। ६ सिद्ध किया हुआ । स्थापित किया हुआ | | विभूषणं ( न० ) गहना | भूषण | सावित किया हुआ। विभाषा (स्त्री०) १ संस्कृत व्याकरण में वे स्थल जहाँ | विभूषा ( स्त्री० ) १ दीप्ति । प्रभा । मनोहरवा | 1 ऐसे वचन पाये जाँय कि" ऐसा न होता " तथा ऐसा हो भी सकता है । २ विकल्प । ३ नियम की विकल्पना । विभूतिः ( स्त्री० ) १ बड़प्पन | अधिकार | शक्ति | २ समृद्धि । स्वास्थ्यता । ६ सहस्व | महिमान्वितपद | ४ विभव ऐश्वर्य | ५ धन सम्पत्ति ६ अलौ- किक शक्ति । ७ कंडे की राख । २ सौन्दर्य । विभूषित ( व० कृ० ) अलङ्कृत | सजा हुआ । विभृत ( च० कृ० ) समर्थित समर्थन किया हुआ। रक्षित | धारण किया हुआ। i | विनंशः (go ) : पतन । अवनति । २ विनाश । ध्वंस ३ ऊँचा कगारा ४ पहाड़ की चोटी के ऊपर का चौरस मैदान विभ्रंशित ( ३० कृ० ) 1 बहकाया हुआ । फुसलाया हुआ २ रहित किया हुआ विभ्रमः ( पु० ) १ भ्रमण | चकर फेरा २ भूल | चूक गलती उतावली | उद्विग्नता ४ लियों का एक छान जिसमें वे भ्रम से उलटे सीधे
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७८५
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति