विशर विशरः ( पु० ) दो टुकड़े करना फट जाना २ | कल । बध नाशन । विशल्य ( वि० ) कट और चिन्ता से रहित निश्चिन्त | ( ७८८ ) 1 विशस्तृ ( पु० ) १ बलि देने वाला २ चाण्डाल । विशस्त्र ( वि० ) हथियार हीन जिसके पास बचाव अथवा आत्मरक्षा के लिये कोई हथियार न हो। विशाखः ( पु० ) १ कार्तिकेय का नाम २ धनुष चलाने के समय एक पैर आगे और दूसरा उससे कुछ पीछे रखना ३ याचक मिथुक ४ सकुचा । २ शिव जी का नाम ---जः, ( पु० ) नारंगी का पेड़ विशसनं ( म० ) १ हत्या बघ । २ वरवादी | विशसनः ( पु० ) कठार | खाँड़ा | २ तलवार । विशस्त ( ० ० ) १ फाय हुआ। गँवार | शिष्टा- | विशित ( वि० ) पैना | सीषण | चारविहीन बदतहजीव ३ प्रशंसित प्रसिद्ध किया हुआ। { विशालल देखो विशाख का दूसरा अर्थ । विशाणा (प्रायः द्विवचन ) १६ वें नक्षत्र का नाम जिसमें दो तारे होते हैं। विशायः ( पु० ) पहरेदारों का पारी पारी से सोना । विशारयां ( न० ) १ चीरना। दो टुकड़े करना। २ इनन । सारण। विशेष विशिख ( वि० ) चोटी रहित । शिखाहीन । जिसके सिर पर कलूँगी न हो। न विशारद ( वि० ) १ चतुर । निपुण २ परिडत । बुद्धिमान ३ प्रसिद्ध प्रख्यात | ४ हिम्मती | साइसी। रिशिखः ( पु० ) १ तीर । २ नरकुल | ३ गदाला । विशिखा ( स्त्री० ) १ फावड़ा | २ सकुछ १ सुई या आलपिन ४ छोटा बाण | ५ राजमार्ग | 1 ग्राम रास्ता ६ नाऊ की खी। नाइन । विशालः (पु० ) मृग विशेष | २ पक्षी विशेष । विशाला ( श्री० ) १ उज्जयनी नगरी २ एक नदी का नाम । विशिप ( न० ) १ मन्दिर घर मकान | विशिष्ट (वि० ) १ प्रसिद्ध मशहूर यशस्वी । कीर्तिशाली, .३ जो बहुत अधिक शिष्ट हो । ४ विलक्षण | अद्भुत । विशेषता युक्त । जिसमें किसी प्रकार की विशेषता हो । -अद्वैतवादः, ( विशिष्टाद्वैतवादः) ( पु० ) श्रीरामानुजाचार्य का एक प्रसिद्ध दार्शनिक सिद्धान्त। [ इसमें ब्रह्म जीवात्मा और जगत् तीनों मूलतः एक ही माने जाते हैं, तथापि तीनों कार्य रूप में एक दूसरे से भिन्न तथा कतिपय विशिष्ट गुणों से युक्त माने गये हैं।] २ विशीर्ण ( व० कृ० ) १ टूटाफूटा | सड़ा हुआ। मुरझाया हुआ | ३ गिरा हुआ ४ भुरियाया हुआ। झुर्रियाँ पड़ा हुआ - (पु० ) नीम का पेड़ -- 1-मूर्तिः ( पु० ) कामदेव का 1- नाम । विशुद्ध (वि० ) १ साफ किया हुआा। शुद्ध किया हुआ। २ पापरहित | ३ कलङ्कशून्य | ४ ठीक | सही ५ गुणवान धर्मात्मा ईमानदार ६ विनम्र विशारदः ( पु० ) बकुल वृष । विशाल (वि० ) १ बड़ा महान् लंबा चौड़ा। विशुद्धिः ( श्री० ) १ शुद्धता पवित्रता २ सही- पन ३ भूल संशोधन ४ समानता सादृश्य । प्रशस्त | चौदा । २ सम्पन्न | बहुतायत से | चिशूल (बि० ) माला रहित। जिसके पास भाजा प्रसिद्ध । आदर्श । महान् | कुबीन 1-1 ( पु० ) शिव जी का नामान्तर । अती, पार्वती जी न हो । -प्रतः, ( स्त्री० ) दुर्गा विशृंखल ) ( वि० ) 1 जिसमें श्रृङ्खलन हो या विश्वज न रह गयी देरला विहीन | २ जो किसी प्रकार काबू में न लाया जा सके या दबाया अथवा रोका न जा सके। ३ लंपट । दुराचारी जुँगाड़ा। विशेष (वि० ) १ विलक्षण । २ विपुल ।
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