वीधि वाय बोधी ( स्त्री० ) १ मार्ग । राखा २ पंकि। प्रसार । ३ हाट दूकान काव्य या रूपक के २७ भेदों में से एक भेद यह एक ही का होता है और इसमें नायक भी एक ही होता है। इसमें आकाश-भाषित और र रमका याधिक्य रहता है 1 ( श्री० ) 1 मार्ग | २ चित्रशाला | ३ कागज का नक्ता ( जिस पर चित्र चित्रित किया जाना है । ) भीत या दीवाल ( जिस पर चित्र खींचा जाय। षीघ्र (वि० ) स्वच्छ । साफ । वी ( न० ) १ आकाश २ पवन ३ अग्नि | ( ७९८ दीनाहः पु० कूप का ढकनी थोपा ( श्री० ) विशुन । बिजली बोयें पैरकी बिचली उँगली में पहनी जाने वाली घुल्ली। - - रहस्. (न० ) सेंदूर | इंगुर । --रसं. (म० ) १ वीर रस | २ सम्मरिक भाव । -रेणुः (पु० ) भीमसेन का नाम /- (०) अर्जुन- वृक्ष | २ भिलावे का पेड़ --सूः, (श्री० ) वीर जननी। इसी अर्थ में वीरप्रसवा, वीरप्रसूः, और धीरप्रसविनी शब्दों का भी प्रयोग होता है। - सैन्यं. ( भ० ) व्याज- स्कन्धः ( पु० ) हन् ( ० ) वह मामण जिसने यज्ञ - भैसा २ बड़ा बहादुर ।उज्मः ( पु० ) वह ब्राह्मण जो अग्निहोत्र नहीं करता। ) करना त्याग दिया हो २ विष्णु का नाम । 4 वीरं ( न० ) १ नरकुल । काली मिर्च | ३ कोंजी ४ खस की जब। वीरः (पु० ) 1 शूरवीर सट | योद्धा | २ बीरभाव | यज्ञीय अग्नि ३ वीररस | ३ | ४ अग्नि ६ पुत्र ७ पति नामान्तर । २ शब्ददुरुक्ति | वीसा ( श्री० ) १ परिव्याप्ति । ३ दुरुति । वीभू ( धा० था० ) डीगें मारना। शेखी मारना । वीर (वि० ) १ बहादुर शूर २ बलवान | ताकत- वर/आशनं, (न० ) १ रखवाली | चौकसी २ युद्ध में जोखों का पद ३ वे सिपाही जो जीवन | से हाथ धो युद्ध में भागे जाते हैं। --प्रासनं, ( न० ) 1 बैठने का एक प्रकार का शासन था मुद्रा जिसका व्यवहार तांत्रिकों के साधानों में हुआ करता है | २ एक घुटना मोदकर बैठना। ३ रणभूमि । ४ वह स्थान जहाँ पहरेदार पहरा | वीरवत् (वि० ) शूरों से परिपूर्वा । देता है। पहरा देने जाकेट | का स्थान।--देश-ईश्वरः ( 5० ) १ शिवजी दर (न० ) उशीर वोरणी (स्त्री० ) १ गहरा स्थान | अर्जुन वृक्ष विष्णु का खस कटाए fact च । २ . चीरतरः (पु० ) १ बड़ा शूर २ मीर | वीरतरं ( न० ) तृण विशेष | उशीर । खस वीरन्धरः ) साथ लड़ाई | ३ चमड़े की नीमास्तीन या श्रीरंधरः ) ( पु० ) 1 मयूर | मोर | २ पशुओं के वीरवती ( स्त्री० ) वह स्त्री जिसका पति और पु जीवित हों। -कीट:, (पु० ) तुच्छ योद्धा। -जयन्तिका | वीरा (श्री० ) वीरपत्नी | २ पत्नी । ३ माता । ४ मुरा। मुरामाँसी | शराब ६ एलुवा ७ केला| ( श्री० ) रा-नृत्य | २ युद्ध | समर-तरुः, ( पु० ) अर्जुन /- धन्वन्. ( पु० ) कामदेव | -पानं, -पाएं, ( न० ) वह पेय पदार्थ जो वीर लोग युद्ध का श्रम मिटाने के लिये पान करते हैं। - भद्रः (g० ) १ शिवजी के एक प्रसिद्धगण का नाम, जिसकी उत्पत्ति शिव जी की जटा से हुई यी ९ प्रसिद्ध भट ३ अश्वमेध यज्ञ के योग्य | वीर्य घोड़ा एक सुगन्धित घास-मुद्रिका (श्री०) | · वीराध ) ( जी० ) १ फैलने वाली लता या बेल । वीराधा )२ अङ्कर डाली ३ एक पौधा ( जितना काटो उतना ही बढ़ता है या काटने परही बढ़ता है। ४ बेल झाड़ी ( म० ) १ वीरता पराक्रम विक्रम | २ शक्ति | सामर्थ्य ६ पुंसस्य जनन शक्ति ४
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