वृदिष्ठ, वृन्दिष्ट ( ८०२ ) वृषिन् हृदि । ( वि० ) १ बहुत बड़ा या लंबा | २ बड़ा : वृषण: ( पु० ) चण्डकोप | वृन्दिउ | सुन्दर वृंदी ) ( वि० ) छापेक्षाकृत वा अपेक्षाकृत वृन्दीयवा | २ सुन्दरतर| मनेोहरतर | वृशू ( धा०प० ) [ दृश्यति ] चुनना पसंद करना। छोट वृर्ण ( न० ) अदरक आदि । वृशः (पु० ) चूहा | वृषणभ्वः ( पु० ) इन्द्र के एक घोड़े का नाम । वृषन् ( पु० ) १ साँड़ ! २ वृषभ राशि | ३ किसी श्रेणी या जाति का मुखिया ४ साँड़ घोडा। ५ कष्ट । शोक ६ पीड़ा का ज्ञान न होना । ७ इन्द्र कर्ण | ३ अग्नि । वृषभः ( पु० ) १ साँड़ | २ वृषभ राशि | ३ किसी श्रेणी या जाति का मुखिया | ४ कोई भी नर जानवर ५ एक प्रकार की घोषधि ६ हाथी का कान | ७ कान का छेद -गतिः, --ध्वज, ( पु० ) शिव जी । वृषभी ( स्त्री० ) १ विधवा । २ गौ । वृशा (श्री० ) एक प्रकार की ग्रोपधि | वृश्चिकः ( पु० ) १ छूि | २ वृश्चिक राशि | ३. मकरा | फनखजुरा । गोजर | २ केकड़ा । ६ एक कीड़ा जिसके शरीर पर बाल होते हैं । वृप ( धा०प० ) [ वर्षति, वृष्ट ] १ बरसना | २ वृष्टि होना । ३ बकशना | देना | ४ नम करना | २ उत्पन्न करना | ६ सर्वोपरि शक्ति रखना । ७ आघात करना । वृषलः ( पु० ) १ शूद्र । २ घोड़ा | ३ गाजर शलगम | ४ वह जिसे धर्म आदि का कुछ भी ध्यान न हो। पापी दुष्टात्मा २ पतित । ६ चन्द्र गुप्त का नाम जो चाणक्य ने रख छोड़ा था। हृयलकः ( पु० ) तिरस्करणीय शूद्र । वृषली ( स्त्री० ) १ वह कम्था जो रजस्वला हो गयी हो, पर जिसका विवाह न हुआ हो। वृपः ( पु० ) १ साँव | बैल | २ वृष राशि | ३ | सर्वश्रेष्ठ ( किसी समुदाय में ) १ कामदेव | ५ | बलिष्ट आदमी ६ कामुक | ७ शत्रु | विरोधी । ८ मूसा | ३ शिव का नादिया १० न्याय ११ सत्कर्म | पुण्य कर्म । १२ का का नाम | १३ विष्णु का नाम १४ एक ओषधि विशेष :-- --ङ्कः ( पु० ) १ शिव जी | २ पुण्यात्मा जन। ३ भिलावे का पेड़ ४ हिजड़ा-- अंचन:. ( पु० ) शिव। -अन्तकः, (पु० ) विष्णु - (पु० ) बिल्ली - उत्सर्गः, (पु० ) | किसी की मृत्यु होने पर बड़े को दाग कर और उसे साँड़ बना कर छोड़ने की क्रिया | वंशः वृषलक्की ( स्त्री० ) बरं । देशक (पु० ) बिल्ली । – ध्वजः, ( पु० ) १ वृषस्थती ) ( स्वी० ) १ वह स्त्री जिसे पुरुष समागम शिव । २ गणेश । ३ पुण्यात्माजन --प्रतिः, वृषस्यन्ती) की लालसा हो । २ छिनाल औरत | ( पु० ) १ शिव जी २ एक दैत्य का नाम ३ उठी हुई गौ या गर्मानी हुई गाय जिसकी वेटी शर्मिंडा को राजा ययाति ने व्याहा वृषाकपायी ( स्त्री० ) १ लक्ष्मी । २ गौरी । ३ शची। था । ३ वरं :- भासः, ( स्त्री० ) इन्द्र और ४ अग्नि पत्नी स्वाहा । २ सूर्यपत्नी । देवताओं का आवासस्थान अर्थात् अमरावती ! वृषाकपिः (पु० ) १ सूर्य | २ विष्णु | ३ शिव : ४ पुरी। -लोचनः, ( पु० ) बिही – वाहनः, ( पु० ) शिवजी का नाम । इन्द्र | ५ अग्नि | पं ( न० ) मोर का पंख । यामाही पश्यत्यसंस्कृत | वडत्या स्तिस्याः सा कन्या दिनी स्तर ॥ २ रजस्वला स्त्री या वह स्त्री जो मासिक धर्म से हो । ३ बाँझ स्त्री | ४ मरी हुई सन्तान उत्पन्न करने वाली स्त्री २ शुद्ध जाति की स्त्री | पतिः पु० ) राजा स्त्री का पति ।- सेवनं, ( न० ) शूद्धा स्त्री से संसर्ग | वृषायाः ( पु० ) १ शिव | २ गौरैया। वृषिन् ( पु० ) मयूर | मोर |
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