पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८१२

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यदिन ३ चबूतरा जो भगन के बीचों बी लतामध्यपलताकु वेदिन् | वि० ) १ जानने वाला २ विवाह करने बोला। वेदिन (१० ) १ ज्ञाना २ शिक्षक ३ विज्ञान माय बाय की उपाधि वेदी वेदि वेध (वि० ) १ ज्ञामन्य! जानने के लिये | बलाने या खाने के लिये ३ विवाद करने को वेध: ( पु०प्रदेश | छेदन 1 खुदाई की गहराई | २ वेधकं ( म०) धान धनिया । 1 वेधकः (go ) नरक विशेष | २ कपूर | बेधनं ( म० ) १ छेदने की क्रिया २ धाव | ३ द का मान विशेष करना। ४ गहराई। ( खुदी हुई जगह की ) ( co/ ) युदाई घाव वैधनिका ( स्त्री० ) यह औज़ार जिससे मणि आदि में छेद किये जाते हैं। वेधनी (स्त्री० ) : हाथी का कान छेदने का औज़ार २ मणि आदि में छेदने का औज़ार । वेस् ( पु० ) १ सृष्टिकर्त्ता २ मा ३ दस थादि प्रजापति | ४ शिव ५ विष्णु ६सूर्य के मदार परिक्षत जन । वेरं (न०) वेरः (पु०) वैधित ( ० ० ) छेदा हुआ वेधा हुआ। येन् (धा० उ० ) [ पेनति, वैनते ] देखो वेणु । वेन देखो वेण | थरथराना | वेपथुः (पु० ) कैंपन | धरधरी वेपनं ( न० ) फैपना परचराहट | वेमः, वेमन् ( पु० न० ) करघा वेधसं (१० ) इमेली का वह भाग जो अंगूठे की जर के पास होता है।

१ शरीर २ केसर ३ माँटा . . 4 श्रेणादेखो वेणा | येयू ( धा० श्रा० ) [ वेपते, वेपित ] कोपना बेशक ( पु०) घर । मकान | वेशनं ( न० | १ प्रवेशद्वार २ घर वेशतः (पु० )ोटा तालाब २ अग्नि | वेशरः (पु० ) सवर अश्वतर । 4 घश्मन् वर (न० पेक फ वेस्ट: ( 30 ) नीच जाति का आदमी वे (०० []२ जाना २ दिनमा काँपना पलं (न० ) याग | यांगया।

(पु० दिनकॅशन २ क वेतनं (न०) । वेल्लहल: ( दु० ) लंपट | दुराचारी | नेल्जिः ( स्त्री० ) केन्द्र | लता। वेल्लिन ( ० ० ) कोंपता हुआ | २ बेल्जितं ( न० ) १ गमन | हिवन | 1 1 3 वन्ता (स्त्री० ) : समय मापन अवसर । अवकाश प्रवाह भर समुद्रनई ६ सीमा हड | ७ वाणी वचन रोग १ मृत्यु १० मतं ( ० ) साम्रलिप्त देश का नाम मूलं (न० ) समुद्र- नवनं, (न० ) समुद्रट पर्ती बन येन (घा०प० ) [ वेल्जति ] जाना | कोपना | हिना । | देवी (धा० आर० ) [ वेवीदे ] १ जाना | २ प्राप्त करना | ३ गर्भवती होना ४ व्याह होना । २ फेंकना ६ खाना करना वेशः ( १० ) १ प्रवेशद्वार ने भीतर जाने का रास्ता ३ घर | ४ वेश्यालय पोशाक 1 दानं, (न० ) सूरजमुखी का फूल 1 -- धारिन, ( वि० ) कपटरूप धारी भारी, चनिना, (स्त्री० ) रंडी । वेश्या । वासः (पु० ) वेश्या का घर | वेश्मन् (२०) घर भवन राजभवन - कलिङ्ग, ( पु० ) घटक पक्षी | गौरैया /-नकुलः (पु०) 1