शब्दन शब्दन (वि० ) शब्द करने वाला। यजने वाला। शब्दनं ( ० ) १ शोर करने वाला | २ ध्वनि । कोलाहल । ३ पुकारना बुलाहट । ४ नाम लेकर पुकारने की क्रिया । शब्दायते ( क्रि०) : कोलाहल करना । २ चिल्लाना । दहाड़ना गरजना | चीन मारना। शब्दित (व० कृ०) १ शब्द करता हुआ। बजा हुआ [1] २ कथित । उच्चारित | ३ पुकारा हुआ। ४ नामा- लिल किया हुआ | ( शमथः ( पु०) १ शान्ति | निस्तब्धता २ मुसाहिब। सल्लाहकार | मंत्रदाता। मंत्री । शमन ( वि० ) [ स्त्री० - शमनी ] शान्तकारी शमनकारी । ८२८ ) शंवा (खो० ) बिजली। शंत्र ( धा० प० ) [ शंबति ] जाना। [ शंबगति ] जमा करना संग्रह करना। शर्मा ( धन्यवा० ) कुशलता प्रसन्नता | समृद्धि, स्वस्थ्यता, आदि सूचक अव्यय । शव ) ( वि० ) १ प्रसन्न भाग्यवान २ निर्धन | शस्त्र ) अभाग | . शम् ( धा० प० ) [ शाम्यति, शान्त ] 1 चुपका शवः ) ( इ० ) १ इन्द्र का वन ) २ खल्ब का होना । शान्त होना अघाना शमन होना । २ बंद करना समाप्त करना ३ वुझाना | ४ नाश करना | मार डालना । लोहे की नोंक का दस्ता । ३ लोहे की जंजीर जो कमर के चारों ओर पहनी जाय। ४ नियमित रूप से हल चलाने की क्रिया २ जुते हुए खेत को पुनः जोतने की क्रिया । शम्बुकः शमी (कभी कभी शशि भी) १ चेंकुर का पेड़ सफेद कीकर | २ शिवी धान्य | मूंग | मसूर । सोठ | उड़द चना। अरहर, मटर, कुलथी। लोबिया आदि गर्भः (पु० ) १ अग्नि | २ अग्निहोत्री ब्राह्मण /- धाम्यं, (न०) वह अनाज जो छीमियों से निकले। शमिन् (वि० ) १ शान्त | निस्तब्ध | शमित । २ संयमी। जितेन्द्रिय | शरबः शंव: शंबर शम्बरं शंवर शमनं ( न० ) अधाना शान्त करना । जीतना । २ शान्ति | निस्तब्धता | ३ अवसान | समाप्ति । नाश | ४ अनिष्ट | चोट । २ वलि के लिये पशु- हनन । ६ निगलना चवाना । शमनः (पु० ) : बारह सिंहा | २ यमराज का नाम । शंबरी ) ( स्त्री०) १ इन्द्रजाल | जादूगरी। २ स्त्री -स्वसृ ( स्त्री० यम की बहिन! यमुना नदी शम्बरो का नामान्तर | शंवरी ) ऐन्द्रजालिक 1 शमनी ( श्री० ) रात | -सदः, -पदः (पु०) दैत्य । दानव राक्षस । शंबरः शम्बरः शंवरः शमलं ( न० ) ३ विष्ठा । गृह मल २ छानन | तलकुट | ३ पाप । नैतिक अपवित्रता । शमित ( व० कृ० ) : शान्त किया हुआ । शमित किया हुआ | खामोश किया हुआ । २ आराम शंबुः किया हुआ | आरोग्य किया हुआ । ३ ढीला किया | शम्बुः हुआ। ४ नरम किया हुआ। ( ५० ) १ एक दैत्य का नाम जिसे प्रयुन ने मारा था । २ पर्वत । ३ मृग विशेष ४ मत्स्य विशेष । २ संग्राम युद्ध प्रि --सूदनः ( पु० ) प्रद्युम्न की उपाधियाँ । -असुरः, (पु०) शंबरासुर । ( न०) १ जल | २ मेघ ३ धन दौलत | ४ धर्मानुष्ठान धर्मकृत्य । शवलः ( पु० शम्बलः (५०) (१ समुद्रतट | २ पायेव रास्ते में शम्बलं ( म० ), शवलं (म० ) खाने का भोजन ३ डाह ईर्ष्या ( स्त्री० ) कुटनी : शम्बली शंवली शुम्बुकः शंबुक्कः शम्बुकः (पु०) घोंघा दुपटा । शङ्ख |
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८३५
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति