मत् 1 परिडत | ३ मनोहर | सुन्दर १० मज़बूत दु (पु०) नेक या धर्मात्मा आदमी। (न०) १ वह जो यथार्थ में विद्यमान हो । २ यथार्ध भव्य | ३ श्रेष्ठ | ४ ब्रह्म । strare:, (go) (= सदाचारः) १ भन्दा आचरण सद्वृत्ति २ शिक्षचार। आत्मन् (वि० ) पुरयात्मा । नेक। -उत्तरं ( न० ) उचित या अच्छा उत्तर - कर्मन. ( न० ) १ पुचकर्म धर्मकार्य २ धर्म | पुण्य आतिथ्य अतिथि सत्कार । - काण्ड: ( पु० ) चील ग्राज पक्षी कारः, ( पु० ) १ एक प्रकार का आतिथ्यसत्कार २ सम्मान | प्रतिष्ठा । ३ खवरदारी | मनोयोग भोजन २ पर्व | उत्सव ।कुलं, (न० ! अच्छा वंश अछा खानदान:-कुन ( वि०) १ भलीभाँति किया हुआ। २ सरकार किया हुआ ३ सम्मान किया हुआ । यादर किया हुआ | २ स्वागत किया हुआ (कृतं, ( न० ) १ आइर। सरकार यातिथ्य | २ पुण्य कृतः, ( पु० ) शिव जी का नाम । - क्रिया, (खी० ) १ सत्कर्म । पुण्य । धर्म का काम । २ सत्कार आदर खातिरदारी | ३ आयोजन | तैयारी । ४ नमस्कार | प्रणाम | २ प्रायश्चित्त का 1 ( ८८३ सनीनः प्रतिपत्तः आदि देने योग्य उत्तम व्यपुत्रः (पु० ) सुपात्र वेद्य सपुत ( पु० ) ! न्याय दर्शन में ) वह पर जिसका उचित खगडन हो सके अथवा जिसके विपक्ष में बहुत कुछ कहा जा सके। राँच प्रकार के हेत्वाभासों में से एक --फलः, ( पु० ) अनार का पेड़ - भायः ( सद्भावः ) 5 विद्यमानता । २ साभाव । ● अच्छा भाव ( सन्मात्रः) ( पुo 1 जीव । मानः, (=सम्मानः) भले -वंश ( वि० ) उच्च कुल का ववस, (न) प्रसन्न कारक भाषण | वस्तु न० ) - पदार्थ २ महानी |~ विद्य, । वि० / भली भाँति शिक्षित /-वृत्त, (वि० ) 9 भने प्राचारण का अ चालचलन का २ विनफूल गोल । वृत्तं ( ० ) १ चाल चलन । २ अच्छा स्वभाव - संसर्गः, संनिधानं.-संग:- संगतिः समागमः, (५०) ( पु० ) लोगों की सुहबत या साथ -सहाय, ( वि० ) अच्छे मित्रों वाला /- सहायः, ( पु० ) अच्छा साथी या संगी | -सारः, (पु० ) १ वृष विशेष | २ कपि । ३ चित्रकार : . X कोई कर्म ३ ६ अन्त्येष्टि कर्म कर्म 1 I - गतिः, (स्त्री०) (== सद्गतिः) अच्छी गति । : सतत, ( वि० ) निरन्तर सदा सर्वदान हमेशा मोत । मुक्ति । गुणः ( पु० ) उत्तमता) विशिष्टता (चरित, चरित्र, (सञ्चरित या सचरित्र ) थच्छे चाल चलन का ईमानदार | धर्मात्मा । पुण्यात्मा । (२०) अच्छा चाल चलन । २ अच्छे लोगों का इतिहास या जीवनी [चारा, (= सञ्चारा) हल्दी। बरावर 1-गः-गतिः, ( पु० ) पवन हवा । - यायिन ( वि० ) १ सदैव चलते रहने वाला | २ सदैव नाशोन्मुख
i चिद् (सच्चिद् ) ( न० ) परवक्ष ) -- जनः, (= सज्जनः ) ( पु० ) नेक या धर्मात्मा आदमी [-पत्रं, (न० ) कुमोदनी पत्ता --पथः, ( पु० ) कतव्यपालन का ठीक मार्ग का ताज़ा अच्छा मार्ग २ ३ उत्तम सम्प्रदाय या सिद्धान्त -परिग्रह ( 50 ) उपयुक्त पात्र से (दान) ग्रहण |--पशुः, (पु० ) देवताओं की वलि योग्य पशु-पात्रे, (२० ) दान " ३ भरत्रः, आमा - की प्रतिष्ठा | सततं ( ० ) सदैव । हमेशा | C सतर्क ( त्रि० ) १ तर्क करने में पटु न्यायशान- जिव्यास | २ विचारवान सतिः (स्त्री०) १ भेंट पुरस्कार | २ नाश । अवसान | सती ( स्त्री० ) १ पतिव्रता स्त्री २ साधुनी । तपस्विनी । ३ दुर्गा का नाम सतीत्वं (न० ) पातिव्रत्य | सतोनः (पु० ) १ एक प्रकार की दाल या मटर । २ स ।