पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९०८

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सपिंडित, सम्पिण्डित ( १०२ ) संपिंडित ) ( व० कृ० ) १ पिंड बनाया हुआ | २ | संम्प्रतीतिः । ( श्री ० ) 1 सम्पिण्डित ) सहुषित | सिकुड़ा हुचा । संपीडनं ( न० ) ) निचोहना | दयाना | २ प्रेषय | सम्पीडनं ( २० ) ३ दण्ड सजा | ४ मँघोलना। सपाहिड: } (पु० ) : निचोड़ना । २ पीड़ा । समप्रीतिः }(सी० ) साथ साथ पीना। संपुट: } { ४० ) १ गडर | गुहा | गर्ल । २ दिबिया। सम्पुट: २ कुवक का फूल संपुटकः ( पु० सम्पुटकः ( पु० ) रखपेटी। गहना रखने का संपुटिका ( स्वी० सम्पुटिका ( स्त्री० दिया। संपूर्ण ) (वि० ) 8 परिपूर्ण | भरा हुआ | २ सम्पूर्ण तमाम सव | समूचा संप्रणेतृ सम्प्रणेतू संप्रयोगिन, संम्प्रयोगिन संप्रतिरोधक 2 ( पु० ) पूर्णरीत्या रोक या सम्प्रतिरोधकः बाधा २ जेल या बन्दीगृह संप्रतीत ) ( व० कृ० ) १ लौटाया हुआ | २ मुली सम्प्रतीत मांति विश्वास कराया हुआ ३ सिद्ध किया हुआ स्थापित किया हुआ४ प्रसिद्ध 1 २ माननीय । सन्त्री प्रकार प्रतीति या सम्पतीतिः । विश्वाप | २ स्यासि | कीर्ति । 1 संप्रायः ) (०) विश्वास | २ इफरार | काल सम्प्रत्ययः कार सम्प्रतीक्षा } (स्त्री० ) आशा । उम्मेद । सदानं | (न०) भली प्रकार के डालना या सौंप सम्पदानं देना अर्थात् दी हुई वस्तु में देने वाले कर कुछ भी स्वत्व न रखना | २ विवाह | ३ कारक विशेष | सम्पूर्ण सम्पूर्णम् (न० ) १ आकाश । २ पदार्थ विशेष | संपृक } ( व० कृ०) १ मिश्रित | २ सम्बन्धयुक्त || संप्रधारण (२०. सम्पृक्त छूने वाला। सम्मधारणं ( न० संप्रचाजनं २(न० ) 1 जक्ष द्वारा भली भाँति संप्रधारणा ( बी० ) सम्प्रक्षालनम्। पेट की शुद्धि २ स्थान | ३ जल | eणा | स्त्री० ) ) या ) का जुड़ा। } (g० ) शासक। न्यायाधीश । जज । संमति ) (अव्यया० ) अभी हाल में । इस सम्प्रति । समय । संप्रतिपत्तिः }(स्वी० ) १ समीप आगमन । धारा- सम्प्रतिपत्तिः । मन । २ विद्यमानता । मौजूदगी ४ । इकरार । ६ ( आईन में) विशेष प्रकार का उत्तर | संप्रयाणं ७ आक्रमण। चढ़ाई। ८ घटना।। सहयोग | १० क्रम | संप्रदानीयं संम्प्रदानीयं । ( श्री० सेंट | दान | पुरस्कार : संधदायः // go ) १ परम्परा । परम्परागत प्रास सम्प्रदायः / सिद्धान्त या विषय विशेष का सम्वन्ध में ज्ञान | धर्म सम्बन्धी समुदाय विशेष | ३ परंपरागत प्रचजित रीति स्वाज्ञ या पद्धति । संप्रधानं } ( न० ) निश्चयकरण । १ विचार | २ किसी वस्तु के चौचित्य अनौचित्य के विषय में निश्चय करने की संप्रपदः }{ पु० ) भ्रमण । सम्पदः संभ १ (व० कृ० ) 1 चिरा हुआ फटा हुआ। सम्मभिन्न २ मद में भत। सम्मावदः } ( १० ) अतिवर्षं । मोदः } ( पु० ) हानि । नाथ । विनाश । सम्प्रमोष समय } ( म० ) प्रस्थान । रवानगी । संप्रयोगः ) ( पु० )१ संयोग | मेल मिलाप । २ सम्प्रयोगः ) मिलाने वाली मङ्गला ३ सम्बन्ध | अधीनता ।४ पारस्परिक सम्बन्ध २ क्रमबद्ध संख्या या सिलसिला । ६ श्रीमैथुन |७ संलग्नता | ८ इन्द्रजाल जादू संप्रयोगिन । ( वि० ) संयोग । मिलन | ( पु० ) सम्प्रयोगिन मिलाने वाला। जोड़ने वाला । २