साझि संख्या सात की संख्या ३ मृग विशेष अनुकूल ( वि० ) समुद्र तट पर बसा हुआ। -अन्त ( वि० ) समुद्र से घिरा हुआ /~ श्रवरा, ~नेमिः, -मेखला. (सी० ) धरती पृथिवी आलयः (पु० ) वरुण 1-उत्थे, ( न० ) समुद्री जवण -गा, (श्री० ) गंगा -गामिनी ( श्री० ) नदी । साझि (वि० ) १ अग्नि सहित | २ यज्ञ की आग को रखने वाला। सानिक (दि० ) अग्निहोत्र के लिये अग्नि घर में जीवित रखने वाला २ अनि सहित । साझिकः ( पु० ) गृहस्थ, जिसके पास यज्ञ या हवन की आय रहती हो। यह जो नियमित रूप से असिहोत्रादि करता हो । ( ६१२ ) साग्र (वि० ) 9 समूचा : २ समस्त | कुल सव ३ जिसके पास अधिक हो । डांकर्य साहू ) (२०) मिलावर मिश्रय | गड़बड़ी | 1 सांकल ) ( वि० ) [ स्त्री० - सांकली ] योग या साल ) जोड़ से उत्पन्न सांकाश्यं ( २० साडावं ( न० ) ( जनक के भाई कुशध्वज की सांकाश्या (स्त्री०) राजधानी का नाम । साङ्क (स्त्री०). सांकेतिक ) ( वि० ) [ स्त्री०- सांकेतकी ] १ साङ्केतिक सङ्केत सम्बन्धी इशारे का | २ प्रशा- अनित। सात्विक की सत्ता नहीं मानी गयी है और आत्मा ही रूप माना गया है। सांख्यमतानुसार आत्मा अर्चा, साथी और प्रकृति से भिन्न है। (g० ) सांख्य मतानुयात्री ।-प्रसादः, --मुख्या ( पु० ) शिव जी । सांक्षेपिक (वि० ) [ स्त्री० - मांपिकी ] संचित खुलासा | संक्षिप्त किया हुआ। सांख्य (वि० ) १ संख्या सम्बन्धी २ गणनात्मक | ३ प्रभेदात्मक ४ बहस करने वाला। सांग ) ( वि० ) १ अंगों या अवयवों वाला। २ सब साङ्ग ) प्रकार से परिपूर्ण । ३ अंगों सहित । | सांगतिक ) (वि० ) [स्त्री०-सांगतिको ] समाज साङ्गतिक) या सभा सम्बन्धी संग करने वाला। मांगतिकः । सांगतिकः ( (४०) नवागत; अतिथि । महमान | ( पु० ) मेल | संगम | 1 मांग्रामिक वि० [स्त्री०-अंग्रामिकी ] समर साक्षामिक ) सम्बन्धी | सांगमः सांङ्गमः | सांमिकः (पु० ) सेनाध्यक्ष जनरत सिह सालार कमांडर 1 सावि (धन्यमा० ) रेडेपन से तिरछेपन से । सावित्र्यं ( न० ) १ मंत्री का पद | सचिव का पद २ दीवानी | आमापना। ३ मैत्री | दोस्ती । साजात्यं ( स० एक ही जाति बाला । एक ही प्रकार या तरह का २ समजातिकत्व | सानाय | सांजनः साञ्जनः } { पु० ) छिपकली । साढ़ (धा० उ० ) [ साटयति, साध्यते ] दिख- खाना । प्रकट होना । माटोप (वि० ) १ अभिमान में चूर २ राजसी | ३ फूला हुआ । साटोपं ( अध्यया० ) अभिमान से । सातत्यं ( म० ) स्थिरता। श्रविच्छिन्नता । सातिः ( श्री० ) १ भेट । दान | २ प्राप्ति उप- सन्धि । ३ सहायता ४ नारा २ अन्त ६ तीव्र वेदना | सांख्यं ( न० ) ) आस्तिक छः दर्शनों में से एक। सांख्यः ( पु० ) इसमें सृष्टि की उत्पत्ति का म चर्चित है। इसमें प्रकृति ही जगत् का मूल मानी गयी है। इसमें कहा है सख, रज और तम इन तीन गुणों के येारा से सृष्टि का तवा उसके अन्य समस्त पदार्थों का विकास होता है। इसमें ईश्वर | सात्त्विक ( वि० ) [ श्री०-सास्विकी] 1 असली। मातीनः सातनिकः } ( पु० ) मटर ।
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९१८
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति