सिधण, सिधाण सिंघण 2 (न० ) १ नाक का मैल सिंघा) मोर्चा | ( श्री० ) नाक सिंच ( धा० उ० ) [ सिंचति सिंचते, सित] सिति ( वि० ) १ सफेद | फाला | छिड़कना २ पानी देना । नम करना । ३ सितिः (पु० ) सफेद या काला रङ्ग । उड़ेलना । सिंचयः } ( S० ) थपड़ा । सिंचिता सिञ्चिता पिंजा सिद्धा) ( २३ ) सिद्ध २ लोहे का | सिता ( श्री० ) १ मिश्री | चीनी ।२ जुन्हाई | ६ सुन्दरी श्री शराब | मदिरा | २ सफेद दूव घास ६ मल्लिका | मोतिया | ( स्त्री० ) पिपरा मूल । ( स्त्री० ) आभूषणों की भनकार | सिजित } ( न० ) झगकार | सिटू ( धा०प० ) [ सेति] तिरस्कार करना | हिकारत करना । ! सित ( वि० ) १ सफेद २ मँधा हुआ । ३ बिरा हुआ। ४ सम्पूर्ण किया हुआ समाप्त किया हुआ। --प्रमः, ( पु० ) काँटा 1-अपाङ्ग, ( पु० ) मयूर 1-अभ्रः, ( पु० ) अ, ( न० ) कपूर /- अम्बरः (पु० ) श्वेताम्बरी साधू - अर्जकः, (पु० ) सफेद तुलसी । अश्वः, ( पु० ) अर्जुन। -असितः, ( पु० ) बलराम -श्रादिः, ( पु० ) गुड़ । शीरा ।-आलिका, ( स्त्री० ) ताल की सीपी जलसीप -- इतर, ( वि० ) कृष्ण | काला अद्भवं ( न० ) सफेद चन्दन ।उपलः ( पु० ) बिल्लौर । फटिक इपला, ( श्री० ) मिश्री (करः, ( पु० ) १ चन्द्रमा | २ कपूर / - धातुः ( पु०) खड़ी मिट्टी 1-~~ रश्मिः, ( पु० ) चन्द्रमा । -~-वाजिन, ( 50 ) अर्जुन शर्करा, ( स्त्री० ) मिली । --शिक्षिकः, (पु० ) गेहूँ । - शिवं, (न० ) सँधा निमक /-शुकः, ( पु० ) जवा। जी । सितं ( न० ) १ चाँदी मुराई । सितः ( पु० ) 9 सफेद रंग अह ४ वीर। २ चन्दन | मूली २ शुकृपक्ष ३ शुक्र सिद्ध ( व० ० ) 1 जिसका साधन हो चुका हो । जो पूरा हो गया हो। जो किया जा चुका हो। सम्पन्न | सम्पादित २ प्राप्त उपलब्ध सफल ४ स्थापित वसा हुआ सिद्ध किया हुआ। ६ वैद्य | द न्याय्य ७ सत्य माना हुआ द फैसल किया हुआ। १ भदा किया हुआ। चुकता हुआ १० रांधा हुआ । ११ पक्का | पका हुआ। निश्चित किया हुआ। १२ तैयार | १३ दमन किया हुआ | १४ वशीभूत किया हुआ | १२ निपुण | पढ़|१६ प्रायश्चित द्वारा far किया हुआ १७ अधीनता से मुक्त किया हुआ। १८ अक्षौकिक शक्ति सम्पन्न | १३ पवित्र । २० देवी । धनादि । अविवाशी २१ प्रसिद्ध । प्रख्यात । २२ चमकीला । प्रकाशमान । - अन्तः, (पु०) १ भलीभाँति सोच विचार कर स्थिर किया हुआ मत उसूल २ वह बाद के विद्वानों द्वारा सत्य मानी जाती हो । मत ३ निर्यात अर्थ या विषय नतीजा सत्व की बात। अन्नं, (न० ) राँधा हुआ अन्न:-अर्ध (वि०) यह जिसकी सिद्ध हो चुका हो। अर्थ:, (पु० ) १ सफेद सरसों। २शिव जी का सामान्वर सुद्धदेव- आसनं (न०) र योग के ८४ आसनों में से एक प्रधान आसन 1- गङ्गा, नदी (खी० )- सिन्धुम (पु० ) आकाशगङ्गा 1-प्रदः, (पु० ) उन्माद विशेष 1-अलं, (न० ) खट्टी कौंजी | - धातुः, ( पु० ) पारा --पक्षः, ( पु० ) किसी प्रतिज्ञा या बात का वह अंश जो प्रमाणित हो चुका हो । २ सावित बात 1-प्रयोजनः ( go ) सफेद सरसों 1- योगिन्, ( पु० ) शिव /- रस, (वि० ) खनिज | खान का | - रसः, ( पु० ) पारा २ सिद्ध रसायनी । --सङ्कल्प, ( वि० ) जिसकी सब कामनाएँ पूरी हो चुकी हों: -सेनः, (पु० ) कार्तिकेय -
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