सु Caf ( ६३० 1 १ /- अस्पत हर्ष या आनन्द । २ श्री-मैथुन | रतिबंध | पुष्पगुच्छ जो सिर पर धारण किया जाय।---- -रतिः, ( स्त्री० ) बड़ा उपमेगया सन्तोष-रसं. ( ३० ) १ रसीला | रसादार २ मधुर | ३ सुन्दर। - रसः, (पु०) रसा, (स्त्री०) सिन्धुवार नामक पौधा-रसा (स्त्री०) दुर्गा का नाम - रूप, (वि० ) | सुन्दर | मनोहर रूपवान सम्भव २ बुद्धिमान पण्डित रूपः (पु०) शिवजी का नामान्तर 1 - रेभ, (वि० ) सुस्वर । सुरीला । अच्छे कण्ठ वाला |-- रेशं, (न० ) टीन | जस्ता -अक्षण, ( वि० ) : शुभ लक्षणों से युक्त | अच्छे लक्षणों वाला। २ भाग्यवान | किस्मतवर | लक्षणं, (न० ) १ शुभ लक्षण | शुभ चिह्न । -लभ, (वि० ) १ सहज में मिलने योग्य । २ योग्य उपयुक्त। - लोचन, (वि० ) अच्छे नेत्रों वाला । -लोचनः, ( पु० ) मृग | हिरन |-- लोचना, (स्रो०) सुन्दरी स्त्री /-लोहक, ( न० ) पीतल । जोहित (वि० ) बहुत लाल /- लोहिता, ( श्री० ) अग्नि की सात जिह्वाओं में से एक।~~वक्त्रं, (न० ) 1 चेहरा २ शुद्ध उचारण |-वचनं, वचस्, ( न० ) चाकपटुता /- वर्धिकः, ( पु० ) - वचिका, (खी० ) सज्जी । स्वर्जिकाचार /- वह, (वि० ) सहज में वहन करने या उठाने योग्य धैर्यवान धीर।-वासिनी, (बी०) 9 विवाहिता अथवा अनविवाहिता वह स्त्री जेर अपने पिता के घर में रहे। विवाहित जी जिसका पति जीवित हो।- चिकान्त ( वि० ) यड़ा पराक्रमी। बड़ा बहादुर । -विक्रान्तं, (न०) वीरता। बहादुरी। -विद्, (पु० ) चिहज्जन | (स्त्री० ) चतुर या चालाक स्त्री-विदः, ( पु० ) शनानखाने का अनुचरविदत् ( पु० ) राजा । -विदलः, ( पु० ) जनानखाने । का चाकर। -विदल्लं, ( न० ) जवानखाना | अन्तःपुर । -विदल्ला, (स्त्री० ) विवाहिता की । -विध (वि० ) अच्छी जाति का । -विधं, ( धन्यपा० ) सहज में 1-विनीत, (वि० ) विनम्र । सुशिक्षित |~ विनीता, (स्त्री० ) सीधी 1 1 ) - यौ । विहित (वि० ) १ भलीभाँति जमा कराया हुआ। २ भलीभाँति सजाया हुआा। भली- भाँति व्यवस्थित वीज. - बीज, ( वि० ) अच्छे बीज वाला / चीजः, बोजः, ( पु० ) १ शिवजी २ पोखा का दाना - वीजं, बीजं, ( न० ) अच्छा बीज 1-वीरालं. (न० ) खट्टी कांजी। -वीर्य (वि० ) बड़े पराक्रम वाला। वीर बहादुर / – वीर्य, ( न० ) बहादुरी । वहादुरों का बाहुल्य -वीर्या (स्त्री० ) वनकपास | वनकार्यासी । -वृत्त, ( वि० ) १ धर्मात्मा पुण्यात्मा मेक २ सुन्दर खूबसू रत-वेल, (वि० ) : शान्त | निस्तब्ध | २ विनीत | चुपचाप -वेलः, ( पु० ) त्रिकूट पर्वत का नाम :-व्रत, (वि०) साधु | व्रत का पालन करने वाला । ---वता (स्रो० ) १ पति- व्रता स्त्री | २ सीधी गौ वह गौ जो सहज में दुइ ली जाय।--शंस, ( वि० ) प्रसिद्ध मश- हूर प्रशंसित-शक, (वि० ) सुलभ । सहम में होने योग्य थासान । शल्यः ( पु० ) खदिर का पेड़ - शाकं (न० ) अदरक श्रादी । -शासित, (वि० ) भलीभाँति काबू में किया हुआ। -शिक्षित, (वि० ) उत्तम तरह शिक्षा पाया हुआ। - शिखः, ( पु० ) – शिखा, ( स्त्री० ) १ मोर की कलँगी । २ मुर्गे की कलेंगी।-शील, (वि० ) १ उत्तम शील चाला | २ उत्तम स्वभाव चाला। शीलवान | ३ सच्चरित्र | साधु । ४ विनीत नम्र २ सरल । सीधा । J m - - शीला, (बी० ) १ यमराज की पत्नी का नामान्तर २ श्रीकृष्ण की आठ मुख्य रानियों में से एक का नाम।--श्रुत, (वि०) अच्छी तरह सुना हुआ । २ वेदविद्या में निपुण । - श्रुतः, ( पु० ) आयुर्वेदीय चिकित्सा शास्त्र के एक प्रसिद्ध आथाचार्य | २ इनका बनाया ग्रन्थ विशेष | ३ श्राद्ध के अन्त में माचण से यह प्रश्न कि आप तृप्त हो गये नलिए, (वि०) भली- भाँति मिला था जुड़ा हुआ श्लेषा (पु० ) भलीभांति थालिङ्गन करने की किया।-संदृश, ( वि० ) देखने में अच्छा । -सन्नत ( वि० )
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