( १३२ ) सुता ( स्त्री० ) लड़की पुत्री सुतिः (स्त्री० ) सोमरस का निकालना। सुतिन् (वि० ) [ स्त्री० -सुतिनी ] पुत्र या पुत्रों वाली लड़कारी (पु० ) पितर | सुतिनी (स्त्री० ) माता | सुतुस् (वि० ) भली आवाज वाला । सुन्या ( स्त्री० ) १ सोमरस को निकालने या तैयार ! सुधितिः ( पु० स्त्री० ) कुल्हाड़ी । करने की किया। २ यज्ञीय नैवेद्य ३ सन्तान प्रसव गर्भमोचन | सुशमन् (१०) इन्द्र का नामान्तर | )! 1 ( स्त्री० ) खीरा जपुषी ।-सित, ( वि० ) १ द्वारा की तरह सफेद २ अमृत की तरह धमकीला ३ अमृत से बंधा हुआ। ४ चूना किया हुआ सफेदी से पुता हुआ /-सुतिः, ( पु० ) १ चन्द्रमा २ यज्ञ ३ कमल । -स्वंदिन, ( वि० ) अमृत बहाने वाला - हरु ( पु० ) गरुड़ जी की उपाधि । सुत्न ( पु० ) सोमरस पीने या चढ़ाने वाला । वह ब्रह्मचारी जिसने अज्ञीय कर्म करने के पूर्व अपना मार्जन या अभिषेक किया हो । सुदि ( अभ्यया० ) शुद्ध पक्ष में सुधन्याचार्यः ( पु० ) पतित बैश्य का पुत्र जी वैश्या माता के गर्भ से उत्पन्न हुआ हो। सुधा ( स्त्री० ) १ थमृत २ पुष्पों का शहद रस | ४ जल ५ गंगा जी का नाम । ६ सफेदी।। अस्तरकारी गारा ७ ईठ ८ बिजली सेंडुद । थूहर 1--–अंशुः, (पु० ) १ चन्द्रमा | २ कपूर अंशुरनं (पु० ) मोती (अंगः, -आकारः, - आधारः, (पु० ) चन्द्रमा | जीविन, ( पु० ) मैमार राज । थबई । -- द्रवः, ( पु० ) अमृत जैसा तरल पदार्थ - घवलित, (वि० ) अस्तरकारी किया हुआ । कुलई या सफेदी किया हुआ चूना से पुवा हुआ। -निधिः, ( पु० ) १ चन्द्रमा | २ कपूर | -भवनं, ( न० ) अस्तरकारी किया हुआ मकान |~ भित्तिः, (स्त्री० ) १ अस्तरकारी की हुई दीवाल २ ईंट की दीवाल ३ दोपहर के बाद का पाँचवों मुहूर्त्त या घंटा (भुज् (पु०) देवता /-भृतिः, (पु० ) १ चन्द्रमा २ यज्ञ !- मयं, (न० ) १ चूना या पत्थर का भवन यो घर ९ राजमहल -- घर्षः, (पु० ) अमृत- वृष्टि ।-~~-वर्षिन्, ( पु० ) ब्रह्मा की उपाधि वासः, (पु० ) १ चन्द्रमा । २ कपूर :-- वासा, सुनारः ( पु० ) १ कृतिया का दूध | २ सौंप का अंडा ३ चटक पड़ी। गौरैया सुनासीर: } ( पु० ) इन्द्र का नामान्तर । सुंदः ) ( पु० ) निकुंभ का पुत्र और उपसुंद का सुन्दः । भाई एक वैश्य । सुंदर ) ( वि० ) [ स्व सुन्दरी ] १ प्रिय । ww खूबसूरत | मनोहर । २ ठीक। सही। सुन्दरः } ( १० ) कामदेव का नाम । सुन्दर सुंदरी ) ( स्त्री० ) खूबसूरत धौरत | सुस्वरूपा सुन्दरी नारी। सुप्त ( ० ० ) १ सोया हुआ | २ लकवा मारा हुआ । ३ बेहोश | बदहवास 1-अनः, ( पु० ) अर्थ रात्रि ज्ञानं, ( न० ) स्वस | -स्वच् ( वि० ) सुन्न । सुतं ( न० ) प्रगाढ़ निद्रा | निद्रा | सुप्तिः (स्त्री० ) १ निद्रा । सुस्ती । औँचाई ! निदा- सापन | २ लफया चैतन्य राहित्य | अचैतन्यता | ३ विश्वास | भरोसा | सुमं ( न० ) सुमन । फूल । सुमः (पु० ) १ चन्द्रमा | २ कपूर | ३ आकाश । सुरः (पु०) १ देवता | २ तेतीस की संख्या ३ सूर्य । ४ महात्मा । ऋऋषि । विद्वज्जन 1-अंगना, ( स्त्री० ) स्वर्ग की अप्सरा-धिपः, (पु० ) इन्द्र (०) देवशत्रु | दैत्य /- य, (न०) १ सुवर्ण । २ केसर। जाफ्रान - श्राचार्यः, (पु०) बृहस्पति थापगा. ( श्री०) आकाश गंगा (~-आलयः, ( पु० ) 1 मेरुपर्वत,
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