सुवर्गा लगाया जाता है। - पुष्पित, ( वि० ) सोने का धिक्य पृष्ठ (वि० ) सोने का पत्र चदा हुआ । सुनहला मुलम्मा किया हुआ - मात्रिकं, ( न० ) सोनामक्खी । खनिज पदार्थविशेष - यूथी, (स्त्री० ) पीली जुही। पीतयूथिका।-- रूप्यक, (वि०) सोने और चाँदी कि विपुलता का नाम । वाला । ( न० ) सुवर्ण द्वीप या सुमात्रा का एक | सुषुम्णः (पु० ) सूर्य की मुख्य किरणों में से एक प्राचीन नाम रेतस्, ( पु० ) शिवजी । - वर्णा (स्त्री० ) हल्दी । -सिद्धः, ( पु० ) वह जो इन्द्रजाल या जादू के बल सोना बना या प्राप्त कर सकता हो ।—स्तेयं, ( न० ) सोने की चोरी। सुवर्ण (पु० ) १अच्छा रंग | २ अच्छी जाति । ३ यज्ञविशेष ४ शिव का नामान्तर | ५ धतुरा सुवर्णकं ( न० ). १ पीतल । काँसा । २ सीसा नामक धातु । सुवर्णवत् (वि०) १ सुनहला |२ सुन्दर खूबसूरत सुषम ( वि० ) अत्यन्त मनोहर या खूबसूरत सुषमा ( स्त्री० ) परमशोभा अत्यन्त सुन्दरता । सुषची (स्त्री० ) १ करेला | कारवेल | २ करेली । ३ जीरा । सुवर्ण ( ० ) १ सोना । २ सोने का सिक्का | अश- रफ़ी | मोहर | ३ सोने की तौल विशेष जो १६ माशे या लगभग १७५ रत्ती की होती है । यह | सुष्मं ( म० ) रस्सा । रस्सी । ढोर । डोरी। पु० भी है। ]४ धनदौलत । ५ पीला चन्दन | ६ गेरू । सुपाढः (पु०) शिवजी का एक नाम | सुषिः (स्त्री० ) सुराख । सुषिम ) ( वि० ) १ ठंडा । शीतल । २ मनोरम सुषीम | मनोश | सुन्दर । सुषिमः । ( पु० ) १ शीतलता | २ सर्पविशेष ३ सुषीमः / चन्द्रकान्तमणि । सुपिर (वि०) छेदों से परिपूर्ण पोला छेदोंदार २ मन्दस्वर | सूक्ष्म सुपुति: ( श्री० ) १ गहरी नींद | प्रगाढ़ निद्रा | २ श्रज्ञान | ३ पातंजल दर्शन में सुषुप्ति, चिस की उस वृति या अनुभूति के माना है, जिसमें जीव निस्य ब्रह्म की प्राप्ति करता है। किन्तु जीव को इस बात का ज्ञान नहीं रहता कि उसने ब्रह्म की प्राप्ति सुपिरं ( न० ) १ छेद | सुराख | २ कोई भी बाजा जो हवा के संयोग से बजाया जाय । सुषुम्णा ( स्त्री० ) शरीरस्थ तीन प्रधान नाड़ियों में से एक जो ईड़ा और पिंगला के बीच में है । सुडु (अन्यया० ) १ अच्छा उत्तमता से खूबसू- रती से । २ बहुत अधिक । अत्यधिक | ३ सचाई से । ठीक तौर से । सुझाः ( पु० बहु० ) एक जाति के लोग। सू (धा० ० ) [ सूते, सूयते, सूत ] पैदा करना । उत्पन्न करना। देना । सू (वि० ) उत्पन्न करने वाला। पैदा करने वाला। ( स्त्री० ) १ पैदायश | २ माता. सूकः ( पु० ) १ सीर । २ हवा | पवन | ३ कमल । सूकर (पु० ) १ शूकर सुअर २ मृग विशेष | ३ कुमार । सुकरी ( श्री० ) १ सुअरिया । २ एक प्रकार की सिवार यह काई । सूक्ष्म (वि० ) १ बहुत छोटा । बहुत बारीक या महीन । २ छोटा | कम अल्प ३ पतला । सुकु- मार । विलक्षण । ४ उत्तम । २ तीषण | ६ मुत्फन्नी । चालाक | धूर्त | ७ ठीक । सही सही । शुद्ध 1-पला, ( स्त्री० ) छोटी इलायची । तंडुलः, ( पु० ) पोस्ता । -तण्डुला, ( स्त्री० ) १ पीपल । पिप्पली । २ एक प्रकार की घास । -दर्शिता, ( स्त्री० ) सूक्ष्मदर्शी होने का भाव । सूक्ष्म बात सोचने समझने का गुण । दूरदर्शिता | बुद्धिमानी । -दर्शिन, दृष्टि, ( वि० ) वह दृष्टि जिससे बहुत ही सूक्ष्म बातें भी दिखाई दें या समझ में आ जाँय । दारु, (न०)
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९४०
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति