पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/९५३

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स्कंदः, स्कन्द उठना ३ गिरना। ऊपर से नीचे गिरना ४ फूट जाना। २ नाश होना। समाप्त होता ६ चुना ७ बहना निकल पहना। । स्कंद हे (पु० ) स्कन्दः कार्तिकेय SINONTÁSA AENEATRALYANDA ELACNELES स्कंधू स्कन्धे ) { २४७ ) ७ नदी तटम चालाक आदमी पुराणं, 1- ( न० ) अधादश पुराणों में से एकपट्टी, ( स्त्री० ) चैत्र मास की शुद्धा ६ । स्कंधः ) स्कन्धः । उच्चा कुलांच २ पारा ३ ४ शिव 4 शरीर । ६ राजा | स्कंदकः स्कन्दुकः ( पु० ) १ कूदने वाला । २ सिपाही । स्कंदनं ) ( म० ) १ निर्गमन | श्राव बहाव २ स्कन्दनं ढीलापन रेचन ३ गमन चलन शोषन सूख जाना। ५ शीतलोपचार से खून का बहना बंद करने की किया। ४ (घा० उ० ) [ स्कन्धयति-स्कन्धयते ] जमा करना । एकत्र करना। २ मानवी ज्ञान का एक विभाग या शाखा । ( पुस्तक का ) अध्याय का एक दस्तर या टोली ८ टोली दल समूह ६ पाँच इन्द्रियाँ १० सौगत सिद्धों में विज्ञानादि पाँच वौद्धदर्शन में सांसारिक ज्ञान विशेष ११ संग्राम युद्ध १२ राजा १३ इकरार कौल करार १४ मार्ग। सड़क १५ बुद्धिमान या पड़ा लिखा आदमी १६ कङ्क | वृहत् बक विशेष - स्खद् "" वगुला। इँटीमार - ( पु०) अश्वत्थ वृषवाहः, बाइक ( पु० ) योक दोने चाला या लहू वैल-शाखा, (स्त्री० ) मुख्य गुद्दा या डाली - ( पु० ) भैसा - स्कन्धः (पु० ) प्रत्येक कंधा । ( न० ) १ कंधा । २ वृक्ष का तना } (४०) स्कंधि ) ( वि० ) [ स्कन्चिर कंधों वाला वृछ। पेड़ | दाल | देश. ( पु० ) कन्था नारियल का पेड़ । ३ गूजर का पेड़ । सुलफा नामक शाक स्कंधस् स्कन्धस् स्कंधिकः स्कंभू ) (धा० ( पु० ) कंधा २ शरीर | ३ पेड़ का तना या द| ४ पेड़ की डाली था गुहा । | स्कम्भू ) रचना डाजना । बैल | श्रो०-स्कधिनी ] , २ डालियों वाला (पु० ) स्कन ( ३० कृ० ) १ नीचे गिरा हुआ। नीचे उतरा हुआ २ बाहिर निकला हुआ बुआ हुआ। टपका हुआ का हुआ। ४ गया हुआ । ५ सूखा हुआ। था० ) [ स्कंमते, स्कन्नाति ) १ सिरजना | २ रोकता परिच्छेद पर्व । ७ फौज | स्कंभः ) ( पु० ) 1 सहारा | रोक थाम | २ स्वम्भः ) कील जिसके ऊपर कोई वस्तु घूमे ३ परम | स्कममा } ( न० ) सहारा लगाने की क्रिया। स्कांद ) ( वि० ) [ स्त्री० --स्कान्दी ] स्कन्द स्कान्द सम्बन्धी २ शिव सम्बन्धी । ( सेना विभाग। २ राजधानी । ३ शिविर । पहाच एक क} (२०) स्कन्द पुराया। उपानेय, ( वि० ) वह जो कंधों पर रख कर स्कु (धा० उ० ) [ स्कुनोति, स्कुनुते, कुनाति, लेजाया जाय। -उपानेयः, ( पु० ) एक प्रकार की सन्धि जिसमें शत्रु का वशित्व स्वीकार करने का चिह्न स्वरूप शत्रु के सामने फल यन्त्र आदि की भेंट रखनी पड़ती है। चापः, (पु० ) बहँगी का स्कंद स्कुनीते ] कूद कूद कर चलना उचुलना २ ढाँकना | छा लेना। ४ उठाना | ऊपर करना | ३ समीप जाना । याँस-तरुः, (पु० ) नारियल का पेड़ - (०० ) [ ] कूदना फलः, (पु० ) 1 २ विश्व का दूध -बन्धनः, ( पु० ) मतकः ( पु० ) २ उठाना ऊपर उठाना। ( स्कोटिका ( स्त्री० ) पक्षी विशेष । स्खद् ( था० था० ) [ स्वदते ] 1 काटना । टुकड़े टुकड़े कर डालना । २ नारा करना ३ चोटिल करना अनिष्ट करना मार डालना। ४ भगा