( १७४ ) हलीपा हा (स्त्री० ) हल की मुठिया इल्य ( वि० ) १ हल चलाने लायक २ यदशक | बदसूरत | इल्या ( स्त्री० ) हलों का समुदाय । हलकं (न० ) लाल कमल हल्लनं ( म०) करवटें बदलना। होशं) (४० ) १ अठारह उपरूपकों में से एक। at ) २ एक प्रकार का गोलाकार नृत्य। हल्लीपकः (g०) गोलाकार नृत्य | हवः ( पु० ) चहावा यहि भेट आमन्वय | प्रार्थना | हवमं ( न० ) १ होम | २ बलि चढ़ावा आह्वान ४ आदेश । आज्ञा | ५ ललकार | ६ युद्ध के लिए ललकार | आयुस्, ( पु० ) अनि । हवनायं ( ३० ) १ हवन करने योग्य २ घी | हवित्री ( श्री० ) हवन कुण्ड । हविष्मत् ( ३० ) हवि वाजा हविष्यं ( स० ) १ इवन करने योग्य पदार्थ २ धी-अनं, (न० ) वे भोज्य पदार्थ जो प्रत में खाये जा सकें। आंशिन-भुजू (पु० ) अग्नि । हविस ( न० ) १ चढ़ावा या भेंट जो अनि में भस्म हो चुका हो । २ थी । अल अशनं, (न० ) (हविरशन) बी खाने वाला ।-अशनः, ( पु० ) अझि गन्धा, [स्त्री०= हविगंधा ] सभी का पेदा-गेहूं. (न० ) [ = हविगेंहं ] वह स्थान या घर जिसमें होम किया जाय । -भुज्, (५०) [ इविर्भुज् ] अग्नि-यज्ञः, ( पु० ) [ == हविर्यज्ञः] यज्ञ विशेष -याजिन्. [ हवियांजिन ] ( पु० ) ऋखिक | हव्य ( वि० ) होम करने योग्य | हव्यं ( न० ) १ घी । ९ देवताओं के लिए चदावा । ३ चढ़ावा | नैवेश -प्राशः, (पु० ) भाग । - कव्यं, ( न० ) देवताओं और पितरों का चढ़ावा चाहः, वाहनः, ( पु० ) अभि । इस् ( घा०प० ) [ इसति ]: हँसना । मुलकामा | २ मजाक उड़ाना। हँसी उड़ाना। ३ समान होना । हँसी मज़ाक १ खितना फूलना | ६ चमकना स्पष्ट होना । हः (५०) १ हँसी हास्य | २ ठठोली | ३ प्रसन्नता हर्ष हसनं ( म० ) हँसी | हसती (स्त्री०) सफरो अँगोटी | २ मल्लिका विशेष इसिका ( स्त्री० ) हँसी उट्ठा 1 हमित (व० कृ० ) हँसता हुआ हँसा हुआ। २ खिला हुआ। हसितं ( न० ) १ हँसी । २ डट्ठा। उठोली ३ कामदेव का धनुष । हस्तं ( न० ) ग्राम की धोकनी हस्ताक्षर दस्तवत अंगुलि अक्षरं ( न० ) (०) हाथ की उँगली अभ्यास ( पु० ) हस्तस्पशे हाथ का लगाय-ध्ययजंत्रः (50), प्रालंबनं, (न०) हाथ का सहारा। थामलक, (न० ) हाथ का आँचला। [एक यह महावरा है जिसका प्रयोग उस समय किया जाता है, जिस समय किसी ऐसी वस्तु का निर्देश करना आवश्यक होता है जो प्रत्यक्ष अथवा सामने हो। ] आवापः, उँगली रहक ज्याधातवारण 1-कमलं. ( न० ) १ कमल जो हाथ में हो । २ कमल जैसा हाथ । -कौशल, ( न० ) हाथ की सफाई क्रिया, ( स्त्री० ) दस्तकारी (--गत, -गामिन्, (वि०) हाथ में छाया हुआ प्राप्त कब्जे में आया हुआ। -ग्राहः, ( पु० ) हाथ से पकड़ना। चापल्यं, ( न० ) हस्तकौशल। -तलं, (न० ) १ इमेली | २ हाथी की सूह की नोंक -तालः ( पु० ) ताली बजाना । दोषः ( पु० ) हाथ की फिसलन। – धारणं, वारणं ( न० ) हाथ से प्रहार रोकना /-पाई. ( न० ) डाय और पैर । -पुच्छ ( न० ) कलाई के नीचे का हाथ । -पृष्ठ, (न० ) हाथ की पीठ । -प्राप्त, (वि०) १ हाथ में पकड़ा हुआ। २ प्राप्त | पाया हुआ | - प्राप्य, ( वि० ) सरलता से हाथ में आने
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