( ६८० ) हुत ( च० कृ० ) 1 हवन किया हुआ | होम किया | हरवः ( पु० ) गोदड़ | शृगात | हुआ । २ वह जिसको नैवेद्य अर्पण किया | इहू ( पु० ) गन्धवं विशेष । जाय। -अग्नि, (वि० ) हवन करने वाला | होम करने वाला - प्रशनः, ( पु० ) १ अग्नि २ शिव । - अशनसहाय, ( पु० ) शिव जी की उपाधि - प्रशनी, ( श्री० ) होली | फाल्गुनी पूर्णिमा | - आशः ( पु० ) अग्नि-जातवेदसू, (वि० ) हवनकर्ता | होम कर्त्ता । - भुज् (पु० ) अग्नि 1-भुजप्रिया, ( स्त्री० ) स्वाहा, जो अग्निपत्नी है। वहः, ( पु० ) अग्नि । - होमः, (पु० ) हवन करने वाला ब्राह्मण - होमं, (न०) जला हुआ शाकल्य | हुतं ( न० ) नैवेद्य | चढ़ावा | हुतः ( पु० ) शिव जी का नामान्तर | हुं } ( अव्यया० ) १ हुम् ) स्वीकृति । ४ क्रोध .} भर्त्सना | ७ अभद्योतक स्मृति | २ सन्देह । ३ । ३ अरुचि, घृणा । ६ अन्य विशेष । तांत्रिक साहित्य में "हु" का प्रयोग प्रायः किया जाता है। [ यथा थों कवचाय हुं] कारः, कृतिः (स्त्री०) हुं का उच्चारण करने वाला र तिरस्कार सूचक आवाज | ३ गर्जन । ४ सुअर की घर धुर आवाज १ टंकार । हुई (धा प० ) [हत ] टेढ़ा होना । हुलू ( धा० प० ) [ होलति ] 8 जाना | २ ढकना । छिपाना। हुलहुली ( स्त्री० ) यह एक अव्यक्त शब्द है जो आनन्दावसर पर स्त्रियों द्वारा बोला जाता था। डहुड्डा } ( F० ) गन्धर्व विशेष । हुड् ( घा० आ० [ हुडते ] जाना । हुणः ( पु० ) १ बर्यर। विदेशी । २ सोने का हूनः ) सिका विशेष ( सम्भवतः यह हुणों के देश में प्रचलित था ) । हुणाः (पु० बहु० ) एक देश या उस देश के अधिवासी । हूत ( द० कृ०) आमंत्रित | निमंत्रित | बुलाया हुआ | आहूत | इतिः ( स्त्री० ) १ आमंत्रण | बुलावा २ ललकार। ३ नाम । हुम् देखो हुम् हृ (घा० उ०) [ हरति, -हरते, हृत ] १ ले जाना। ढोना। २ हर लेजाना। दूर लेजाना। ३ लूट लेना । ४ उतार लेना। वचित कर देना | छीन लेना। ५ नष्ट कर डालना ६ आकर्षण करना। मोह लेना। ७ प्राप्त करना ८ रखना। अधिकार में करना | ३ प्रसना । १० विवाह करना ११ विभाजन करना । हणीय ( ( क्रि० ) १ क्रुद्ध होना । २ लज्जित हिगीयते । होना । शर्माना । हणीया ) 8 भर्त्सना । नालत मलामत | २ लज्जा । हणिया । शर्म । ३ दया। रहम। हृत् ( वि० ) १ छीना हुआ । २ आकर्षक । हृत ( व० कृ० ) १ छीना हुआ । २ पकड़ा हुआ । ३ मोहित । ४ स्वीकृत । ५ विभाजित |-अधिकार, (वि० ) १ बरखास्त | निकाला हुआ । २ न्यायानुमोदित अधिकारों से चचित किया हुआ | - उत्तरोय ( वि० ) वह जिसका उत्तरीय वस्तु ( डुपट्टा ) छीन लिया गया हो । - द्रव्य-धन ( दि० ) वह जिसका धन नष्ट होगया हो। सर्वस्व. ( वि० ) सम्पूर्णतः बरबाद किया हुआ | हृतिः ( स्त्री० ) १ पकड़ । २ लूटपाट नाशन विनाशन | हृद् ( म० ) १ मन | हृदय | दिल । २ छाती । वक्षःस्थल । छाती-थावर्तः, (पु० ) घोड़े की छातो की भौंरी । कम्पः, ( पु० ) हृदय की धड़कन।–गत, (वि० ) १ मनोगत | २ प्यार की आँखों से देखा हुआ। गतं, (न०) उद्देश्य । अभिप्राय । - देशः, (यु० ) हृदय का स्थान | -पिण्डः, ( पु० ) पिराडं, ( न० ) हृदय । - रोगः, ( पु० ) १ हृदय का रोग हृदय की जलन । २ दुःख | शोक | ३ प्रेम | ४ कुम्भराशि | - लापः, ( = हल्लास: ) ( पु० ) १ हिचकी। २ शोक । दुःख । ~~लेखः, (५०) (= हल्लेखः) १ ज्ञान | सर्कना । २ हृदय की पीड़ा/घंटकः, ( पु० ) पेट मेदा । शोकः, ( पु० ) हृदय 1 जलन ।
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