पृष्ठम्:साङ्ख्यतत्त्वकौमुदी.djvu/१०

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  पृ०    पं०    अशुद्धम्    शुद्धम् ॥

 २६८      अपमाणिक   अप्रमाणिका ॥

 २६८    १०    आशङ्कात्    आशङ्का तु ॥

 २६८   १४    गौलक    गोलक ॥

 २६९    १९   वाक्यस्थार्थः.  वाक्यस्यार्थः ॥

 २६९    २४    वृहिधातुः    बृहिधातुः ॥

 २७०      उपचयस्थव  उपचयस्येव ॥

 २७३   १४    पुरस्तान्    पुरस्तात् ॥

 २७४     सुक्ष्मपर्यन्तं   सूक्ष्मपर्यन्तं ॥

 २७५    १२    स्वस्कधं   स्वस्कन्धं ॥

 २७८      प्रार्थयेत    प्रार्थयते ॥

 २८१   २१   तस्मिन्नअनेजत्  तस्मिन्ननेजत्॥

 २८१    २१    इत्यात्युक्ते    इत्याद्युक्ते ॥

 २८४   १६    भूतयोनि    भूतयोनिं॥

 २८५      जानथा।   जानथ ॥

 २८५   १५   अपसंहारः    उपसंहारः ॥

 २८९      ताप्तर्य    तात्पर्य ॥

 २९४    २२    विशदृश   विसदृश ॥

 २९६      उपलमाहे   उपलभामहे ॥

 २९७      अप {gap}}   अपि॥

 ३०३      प्रयोजेक    प्रयोजक ॥

 ३०५    १७    यस्मिं    यस्मिन् ॥

 ३०७  २४  कपिसंगाभिन्नः  कपिसंयोग्यभिन्नः ॥

 ३०९     याग    योग ॥

 ३१०   १०    कपाल    कपालं ॥

 ३१०   १६    अपूर्वधजि   अपूर्वे यजि ॥

 ३११     उदेश्यकत्वं  उद्देश्यकत्वं ॥