पृष्ठम्:साङ्ख्यतत्त्वकौमुदी.djvu/२२

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  No.         का    पृ.

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  ५८  शिष्यपरम्परयाऽऽगतं    ७२    ५१६

  No.    

  ५९    सङ्घातपरार्थत्वात्     १७    २५९

  ६०    सत्त्वं लघु प्रकाशकं     १३    २२०

  ६१    सप्तत्यां किल येऽर्थाः     ७२    ५१७

  ६२    सम्यग्ज्ञानधिगमात्     ६७    ५११

  ६३    सर्वे प्रत्युपभोगं     ३७    ४२०

  ६४    सात्विक एकादशकः     २५    ३४२

  ६५    सान्तः कराणा बुद्धिः     ३५    ४१८

  ६६    सामान्यतस्तु दृष्टात्       १८२

  ६७    सांसिद्धिकाश्च भावाः     ४३    ४३१

  ६८    सूक्ष्मा मातापितृजाः     ३९    ४२४

  ६९    सौक्ष्म्यात्तदनुपलब्धिः       १८६

  ७०    स्वालक्षण्यं वृत्तिः     २९    ३९६

  ७१    स्वां स्वां प्रतिपद्यन्ते     ३१    ४०५

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  ७२    हेतुमदनित्यमव्यापि     १०    २०१