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( २३ ) इस संस्करण में मैंने स्वर्गीय म० म० बापूदेव शारत्री द्वारा सम्पादित चौखम्भा संस्कृत सीरीज से प्रकाशित वासना भाष्य का उपयोग किया है, तथा उत्त ग्रन्थ की टिप्पणी से भी कहीं-कहीं सहायता ली है। अत: पूज्य शास्त्री जी की कृपा का आभारी हूँ। मेरे इस सम्पादन कार्य में मेरे मित्र पं० चन्द्रभानु पाण्डेय और पं० जनार्दन शास्त्री पाण्डेय ने जो सहायता की है, उसके लिए मैं उनका अत्यन्त आभारी हूं। अन्त में कृपाधन विद्वानों से सादर प्रार्थना करता हूं कि इस मेरे महान् कार्य में अज्ञान तथा दृष्टि दोष से जहाँ कहीं अशुद्धियां रह गई हों तो उन्हें शुद्ध करके मुझे क्षमा कर। विदुषामनुचर मथुरावास्तव्यश्रीमद्भागवताभिनवशुकपण्डित-श्रीकेशवदेवचतुर्वेदात्मज डा० मुरलीधरचतुर्वेद शिक्षक, ज्योतिषविभाग सम्पूर्णानन्दसंस्कृतविश्वविद्यालय, वाराणसी خٹکsطح<جح~۔