प्रस्तव। पश्चम पश्चवर्षीय योजना के अन्तर्गत विश्वविद्यालय के सरस्वतीभवनपुस्तकालय द्वारा दुर्लभ हस्तलिखित एवं मुद्रित ग्रन्थों के प्रकाशन की एक महत्वपूर्णयोजना विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के स्वीकृत्यर्थ प्रस्तुत की गई थी। यद्यपि आयोग द्वारा नियोजित विद्वानों का निरीक्षण-मण्डल कुछ विलम्ब से आया, लेकिन आयोग ने इस योजना के महत्व को स्वीकार करते हुए अपनी २वीकृति प्रदान की, जिसके लिए आयोग धन्यवादाह है। योजनावधि में समय कम रह जाने और स्वीकृति आदि के आने में विलम्ब के कारण इसे यथाशीघ्र सम्पन्न करने हेतु कुलपति ने विश्वविद्यालय के विद्वानों की ' एक समिति गठित की, जिसे योजनान्तर्गत ग्रन्थों का प्रकाशनादि कार्य सौंपा गया । इस विश्वविद्यालय के अनुसन्धान संस्थान द्वारा जो प्रकाशन कार्य होते हैं उनका भार उस विभाग पर कम नहीं है। साथ ही यह योजना यत: अलग से सरस्वतीभवन द्वारा प्रस्तुत की गई थी, अत: इस दृष्टि से अल्पावधि में ही सम्पन्न कराने हेतु कुलपति ने एक समिति गठित की । समिति इस प्रकार है :- अध्यक्ष प्रोफेसर बदरीनाथ शुक्ल (कुलपति ) सम्पूर्णानन्दसंस्कृतविश्वविद्यालय, वाराणसी । सदस्यगण (१) प्रोफेसर जगन्नाथ उपाध्याय (पालिविभागाध्यक्ष तथा संकायाध्यक्ष श्रमणविद्यासंकाय, सम्पूर्णानन्दसंस्कृतविश्वविद्यालय, वाराणसी) (२) प्रो० व्रजवल्लभ द्विवेदी (सांख्ययोगतन्त्रागमविभाग, सम्पूर्णानन्द सस्कृतविश्वविद्यालय, वाराणसी ) (३) डॉ० भागीरथप्रसाद त्रिपाठी 'वागीश शास्त्री' (निदेशक अनुसन्धान संस्थान, सम्पूर्णानन्दसंस्कृतविश्वविद्यालय, वाराणसी) (४) श्री बलिराम शास्त्री भारद्वाज (उपपुस्तकाध्यक्ष, सरस्वतीभवन, सम्पूर्णानन्दसंस्कृतविश्वविद्यालय, वाराणसी) (५) श्री जनार्दन पाण्डेय (सरस्वतीभवन, सम्पूर्णानन्दसंस्कृतविश्वविद्यालय वाराणसी)
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