पृष्ठम्:स्फुटचन्द्राप्तिः.djvu/५१

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52 1. 3. 130 . 131. 132 . 133. 134 . 135. 136. 137 . 138. 139. 140. 141. 142 . 143. 144 . 145. 146 . 147. 148. 149 . 150. 151 . 152. 153. 154. साम्बोऽनिशां सन्नद्धः A. रोगः प्रत्यासन्नः पुरोधा इष्टिदनं विना नेष्टा नानाभिमतं कनकम् श्रीनतः श्रीधरो नित्यम1 सुकृति: स्वयं पाककृत् काष्ठसमा गात्रयष्टि : प्ररिरनाप्तः चण्डभानुर्जयी व्यवच्छिन्नोऽनुनयः* कीनाशो व्याघ्रप्रकल्पः वाङ्माधुरी वरेण्या श्रीकृष्णो मोक्षनिष्ठ हृष्टो लीलाधिकारी स्वामी शरीरेऽनिलः स्थाणुर्गङ्गाशयालुः तैलाथ भन्दरोगी3 स्धानाच्चला रिपवः विनोदरुचिः प्रभुः साध्यो योगो नियमात्' पत्नी गभभरणा स्तेनो न निर्धनैषी सेनाधिकाङ्गरक्षा श्रीगतिालसा नासीत् धर्माज्जीवेत् परासुः B. रत्नचक्रधरा नार्यः 10 10 10 11 11 1 1 2 3 3 4 5 7 7 2. 4. 7 21 4 16 29 11 23 18 0 12 24 19 2 15 28 12 26 10 24 23 7 21 50 8 54 26 46 57 7 15 29 55 33 25 33 57 36 28 31 43 36 48 B. छिन्नेऽन्ननयः D. योगनियमः 37 12 10 2 17 21 20 36 41 54 12 18 54 57 36 17 32 59