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मन्त्रप्रतीकसचिनी आपो हेिष्टा मयोभुवः अभिष्टाऽहं दशभिः आयुर्दा देव जरसम् आयुष्यं वर्चस्यं सुवीर्यम् अारात्ते अग्रिस्तु आवर्तन वर्तय निनिवर्तन आवर्तने निवर्तने आवामगन्थ्सुमति आशासनं विशसनम् आशासाना सौमनसम् इडामग्रे पुरुदंसम् इदमहं या त्वयि इदमहममुष्यामुप्यायणस्य इन्द्र. जहि दन्दशकम् इन्द्रस्य गृहा वसुमन्तः इमं जीवेभ्य: परिधिम् इम म वरुण इमं मे वरुण प्र | ख. | म. २| १३ || ७ | १३ २| ११ || १५ २| १ • • • | १| १४ ९| १२ २| ..| २| २२ २२ १| १८ २| १७ १| ६ ७ | १२ २| १५ || १३ २| २२ || २४ ४

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