पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/८७०

एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

उद्यममाति उमति १,९५,७ उद्यते नवनावस्य ७,३,३ उपन सुवमा गद्दि हरिभि १,१६,४ उपन सूनवो गिर ६,५१, यद्व ऊर्मि शम्या ३,३३, १३ उप नोवा असा १,१०७,२ उद्वत्स्वमा अङ्कणोचना १, १६१, ११ उप नो पातमश्विना ८,२५, ७ दन्दनमरत १,११८, ६ उप नो वाजा अध्वर ४,३७,१ उदय टमससहि १,५०, १० उप ना वानिनीवसू ८, २, ७ तुर्वेद ७,६१,१ उप नो इरिभि सुख ८,९३,३१ सा मधुमन्व दूरते ४.८५,१ उप जिम्बन्नुदाती १,७१,१ उदा वृक्षासो मधुसन्तोः ७,५०,४ उपप्रयन्ती २,०४, १ सद् ३,१०, १७ उप प्रागाच्छमन वाज्यत्री २,१६३,१२ उद्देवि प्रसाठा जनाना ७.६३.२ उप प्रागात्परम यदसधस्थ २,१६३,१३ उप प्रामासुमन्मे १, १६२,७ तमुवा ७,६३,१ उप त्रिय पनिष्ठत ९६७,२५ वनच भूमि पृथित्रोमुत ५,८५४ दमदा मौनयेन १०, १३६,३ उप प्रेत कुशिकाठप ३,५३,११ उन्मध्य ऊर्मिनना ९,८६,४० उपचावात ८,४, १४ उप मह्माणि इरिव १०,१०४,६ उमा १०,१९९, ३ हम्मा ममन्दपभो २०३६ उपम वा मघाना ८५३, १ उप महवा भर ८,८१,५ उपमा पेपिशचम १०,१२७,७ TE उपत्र व इति २,४०८ उप मा मतिरस्थित १०,११९,४ उप क्षति सिन्धी १,१०५४ उपमा श्यावा १,१२,३ उपहारस्तव मनाते ३, १२ उपमा पर डाहा ८,६८, १४ उपछायामि ६,१६,३८ उप यमेति युवति ७, १,६ उपके गाइवाकर २०, १२७८ दप यो नमो नमसि ४,२१,५ वडा सहमाना २०,१०५०५ उप वप्पे नमसा २,१८,४ २०११४९ उपचवन्धन ५,४,७ उपमन्या पनप २,१८८,१० उप शिक्षापत ९, १९,६ मागका बिरा७,७३०४ उपवासय पृथियाँ ६८०२९ शिव ९,१०२० उपपद्याय भीष ७,१५,१ करवा ८०१ उप मर्प माठर भूमि १०,१८१० दिदिवे, वायोगि ८०२१३ उपस्तुति नमस उद्यति २,१९०, २ उपस्तुविरोचथ्य, १५८,४ उप तुहि प्रथम रत्न उथ ५५४२७ उपराजुदाई मम ८५,४४,५ १६६ १६.३७ उणीतमय ८,७३,३ उपध्याय पाटि ६१०५४ उपस्थाय मावाम ३,४८३ उपप्८,७२,१५ उन श्यामा नरा ७,१५९ उमर १८०३ १, ऋग्वेदे सभाध्ये पुग ५७१३ नमुनमा गदि ग्राम ३०४०,१ [ ३२२४ ] वर साम्याम १०,१५,५ २,१४,२६