पृष्ठम्:Rig Veda, Sanskrit, vol8.djvu/९१४

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पतिर्भष वृत्रहन् पतिर्भव वृत्रहन्] ३,३१,१८ ऋग्वेदे सभाष्ये परावतो ये दिधिषन्त १०,६३,१ राणामने १,४४, परा वीरास एतन ५,६१,४ पतो जगार प्रत्यक्षमत्ति १०,२७,१३ परा व्यक्तो अरुष ९,७१,७ पत्नी सुवाइम ८.३,२३ परा शुभ्रा भयासो १, १६७,४ पत्नी पूर्व १, १२, १ परा शृणीहि उपसा १०,८७,१४ पथ एकः श्रीपाय ८२९६ परा ६ मस्थिर १,३९,३ पथस्पथः परिपर्ति ६,४९,८ परा हि मे विमन्यवः १,२५,४ पदं देवस्य नमसा ६,१४ परा छीन्द्र धावसि १०,८६,२ पई देवस्य मीळहुष ८, १२, १५ परि कोशं मधुश्नुत ९,१०३,३ पापणीरासो ८६४, परिक्षिता पितरा १०.६५,८ पदे व निदि ३,५५,१५ परि चिन्मतों द्रविणं १०,३१, २ पपदे मे जरिमा ५,४१,१५ परि णः शर्मयन्ल्या ९,४१६ पद्मावर ३,५५, १४ परिणेता मतीनां ९,१३, ४ परिणो अवमश्वविद् ९,६१, ३ मनास्तश्विना ८,५७, ३ म्य भारत ८,३२, १८ परि णो देववीतये ९,५४,४ पन्य दुपगायत ८,३२,१७ परियो चस्मयु ९,६४,१८ एम्पन्पमित्] सोबार ८,२,२५ परिणो बृणजन्नघा ८, ४५, ५ म्यां आवेद,५४, ३ परिणो देवी २,३३,१४ II ५,३३,६ परि तृन्धि पीना ६,५३,५ पक्षां मदि६, १७, परि तेजिग्युपो९,१०,४ पः१५,१४ परि४,३,८ पर ऋण् स २, २४, ९ परि मना मिरादुरेवि ४, ६,५ सोम तम्या ७,०४,३१ परि एवं हर्यतं ९,९८, परंतु १०, १८० १ परि श्रिधातुरध्वरं ८,७२,९ पद्धपति ३,५३,२० परि त्रिविष्टवरं ४, १५,२ पर अधि ८०५,१५ परिणि १,१०, १२ दशकाचा८,९२,२७ परिया परं १०,८७,२२ गायो ८४.८ परि दिव्यानि मर्मृशद् ९८१४८ परायां१,२१,५ परि देवीरनु स्वभा ९.१०३,५ परा शुस्वमद ७,३१,२५ परिक्षं सदसः ९.७९,४ परा देहि शामु १०,८५,२९ परिक्षः सन ९,५२,१ दुनिनं २०,८५, १५ परि धामानि यानि ९६६.२ परापूर्वेक ६,४५,१७ १,२५,१६ परिपरस्त ६,५४,१० परिभा९,1, 1 111 परिय माम ४,१८, ३ परि म सं. ९,१७,१५ पाहि३,५३,५ २१155 परिसि९ि, १४, १ परि९ि९८,९ [a] परि प्रियः कलशे