लक्ष्मी श्लोकः
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लक्ष्मी श्लोकः


या रक्तांबुजवासिनी विलसिनी चंडांशु तेजस्विनी|
या रक्तांरुधिरांभरा हरिसखी, या श्रीमनोल्हादिनी||
या रत्नाकरमंथनात्प्रकटीता विष्णुस्वया गेहीनी|
सामांपातु मनोरमा भगवती लक्ष्मी च पद्मावती||

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