"अथर्ववेदः/काण्डं १२" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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<poem><span style="font-size: 14pt; line-height: 200%">12.1
सत्यं बृहदृतमुग्रं दीक्षा तपो ब्रह्म यज्ञः पृथिवीं धारयन्ति ।
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</span></poem>
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▲*[[/सूक्तम् ०२|सूक्तम् २]]
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▲*[[/सूक्तम् ०४|सूक्तम् ४]]
▲*[[/सूक्तम् ०५|सूक्तम् ५]]
▲*[[/सूक्तम् ०६|सूक्तम् ६]]
▲*[[/सूक्तम् ०७|सूक्तम् ७]]
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▲*[[/सूक्तम् ०९|सूक्तम् ९]]
▲*[[/सूक्तम् १०|सूक्तम् १०]]
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