"शतपथब्राह्मणम्/काण्डम् ११/अध्यायः ६/ब्राह्मणं ३" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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<span style="font-size: 14pt; line-height: 200%">११.६.३ जनको ह वैदेहो बहुदक्ष... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती |
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पङ्क्तिः १:
<poem><span style="font-size: 14pt; line-height: 200%">११.६.३
जनको ह वैदेहो बहुदक्षिणेन यज्ञेनेजे। स ह गवां सहस्रमवरुन्धन्नुवाचैता वो ब्राह्मणा यो ब्रह्मिष्ठः स उदजतामिति - ११.६.३.[१]
पङ्क्तिः २७:
</span></poem>
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