"पृष्ठम्:भर्तृहरिसुभाशितम्.pdf/२२९" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पुटाङ्गम् (उपयोगार्थम्) : | पुटाङ्गम् (उपयोगार्थम्) : | ||
पङ्क्तिः ६: | पङ्क्तिः ६: | ||
तुमुन ; विषयपरित्यागे ब्रह्मज्ञानमेव मुख्यसाधनमतस्तत्संपादनेन |
तुमुन ; विषयपरित्यागे ब्रह्मज्ञानमेव मुख्यसाधनमतस्तत्संपादनेन |
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तत्परित्यागोऽवश्यं कर्तव्य इति फलितार्थः ॥ |
तत्परित्यागोऽवश्यं कर्तव्य इति फलितार्थः ॥ |
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{{gap}}शार्दूलविक्रीडितम् ॥ |
{{gap}}शार्दूलविक्रीडितम् ॥ |
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<poem>{{bold|धन्यानां गिरिकंदरेषु वसता ज्योतिः परं ध्यायता- |
<poem>{{bold|धन्यानां गिरिकंदरेषु वसता ज्योतिः परं ध्यायता- |