"महाभारतम्-17-महाप्रस्थानिकपर्व-002" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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{{महाभारतम्}}
मेरुगिरिंप्रति गच्छन्तं युधिष्ठिरं ज्येष्ठ्यक्रमादनुगच्छत्सु दौपद्यादिषु योगभ्रंशात्क्रमेण भूमौ निपतत्सु भीमप्रश्नात्तं प्रति युधिष्ठिरेण तेषां पतने हेतुकथनम्।। 1 ।।<br>
तथा ततः शुना केवलमनुगम्यमानेन सता पुरोगमनम्।। 2 ।।
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17-2-3 भ्रष्टयोगा ध्यानात् स्खलितमानसा।।
17-2-7 अनवेक्ष्य स्वर्गान्तरायरूपः स्नेहो माभूदिति भावः।।
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