"मत्स्यपुराणम्/अध्यायः ३९" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः १:
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ययात्यष्टकसम्वादवर्णनम्।
अष्टक उवाच।
यदा वसन्नन्दने कामरूपे संवत्सराणामयुतं शतानाम्।
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पङ्क्तिः १:
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ययात्यष्टकसम्वादवर्णनम्।
अष्टक उवाच।
यदा वसन्नन्दने कामरूपे संवत्सराणामयुतं शतानाम्।
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