"रामायणम्/अरण्यकाण्डम्/सर्गः २०" इत्यस्य संस्करणे भेदः

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पङ्क्तिः ११:
{{रामायणम्/अरण्यकाण्डम्}}
 
'''श्रीमद्वाल्मीकियरामायणे अरण्यकाण्डे पञ्चदशःविंशः सर्गः ॥३-१५॥२०॥'''
<div class="verse">
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पङ्क्तिः ९१:
वधं च तेषां निखिलेन रक्षसां
शशंस सर्वं भगिनी खरस्य सा॥ २५॥
 
 
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