"रामायणम्/सुन्दरकाण्डम्/सर्गः ४५" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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{{रामायणम्/सुन्दरकाण्डम्}}
'''श्रीमद्वाल्मीकियरामायणे सुन्दरकाण्डे द्वितीयः सर्गः ॥५-२॥'''
<div class="verse">
<pre>
ततस्ते राक्षसेन्द्रेण चोदिता मन्त्रिणः सुताः ।
निर्युयुर्भवनात्तस्मात् सप्त सप्तार्चिवर्चसः ।। ५.४५.१।।
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