सम्भाषणम्:स्कन्दपुराणम्/खण्डः ५ (अवन्तीखण्डः)/अवन्तीक्षेत्रमाहात्म्यम्/अध्यायः ५६
गंगां पुण्यजलां प्राप्य त्रयोदश विवर्जयेत। शौचमाचमनं सेकं निर्माल्यं मलघर्षणम्।।
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