पृष्ठम्:आयुर्वेदसूत्रम् (योगानन्दनाथभाष्यसमेतम्).pdf/२३

पुटमेतत् सुपुष्टितम्

xxiv

   विषयाः.
सूत्रम्. पुटम्.
 
प्राणादिपञ्चकस्य रक्षणावश्यकता
64  128
... .... ....
आत्ममनस्संयोगः
65  129
... .... ....
धातूनां सत्त्वाधीनत्वम्
66  129
... .... ....
आरोग्यवशात्प्रजाप्रजननम्
67-68  130
... .... ....
स्त्रीपुंसावात्मभागौ
69  130
... .... ....
प्रकृतिपुरुषौ पितरौ
70  131
... .... ....
योगाभ्यासशब्दार्थः
71  131
... .... ....
भूयोनिरीक्षणात्स्वरूपप्रतिपत्तिः
72  132
... .... ....
कन्यादातुरैहिकामुष्मिकफलनिरूपणम्
73-75  132
... .... ....
वैराग्यशब्दार्थः
76-77  133
... .... ....
धातूनां रोगकार्यकारकत्वम्
78  133
... .... ....
शरीरस्य भोगायतनत्वम्
79  134
... .... ....
परमपुरुषख्यातेर्गुणवैतृष्ण्यम्
80  134
... .... ....
वितर्कनिर्विकल्पज्ञाननिरूपणम्
81-82  135
... .... ....
सविचारज्ञानम्
83  136
... .... ....
निर्विचारज्ञानम्
84  137
... .... ....
आनन्दनिरूपणम्
85  138
... .... ....
समाधिः
86  138
... .... ....
मधुररसस्य समाधिहेतुत्वम्
87  139
... .... ....
समाधौ पित्तकलाप्रचलनम्
88  140
... .... ....
ईश्वरस्य जगदात्मकत्वम्
89-90  141
... .... ....
मूलाधारस्य सकलधातुपोषकत्वम्
91-93  141
... .... ....
सिरागतामृतस्य तत्तदधिष्ठानवर्णदेवतापोषकत्वम्
94  142
... ...
सिरासंधानमनुसृत्यामृतप्रवाहः
95  143
... .... ....