सर्वाः सर्वसार्वजनिक्यः संरक्षितावल्यः
विकिस्रोतःइत्यस्य उबलब्धप्रवेशानां संयुक्तप्रदर्शनम् । प्रवेशप्रकारं चित्वा भवान् दृश्यं क्षाययितुं शक्नोति । सदस्यनाम, सदस्य नाम (ह्रस्वदीर्घाक्षरसंवादी) प्रभावितपुटम् ।
- ०४:४९, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३८४ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: 103 Sandal nor of Ustra. अनुहुए metre. This is an instance of वत्सल- रस. स्कुट चमत... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०४:४८, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३८५ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: 104 P. 240. L. 19-20 (Verse 32). You should at once repair to some asylum with your mamma so that you may not suffer as well... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०४:४८, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३८६ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: 105 P.248. L. 9-10 (Verse 37). Who is she that comes uswards with dishevelled locks and uplifted arms and calls us to forbear... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०४:४८, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३८७ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: 106 P. 250. L. 20-21 (Verse 44). That mighty foe who had con- trived enmity against me long before and who is doomed to fall... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०४:४७, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३८८ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: 107 विश्वः, "माल्याक्षतादिदाने स्त्री शेषा-" इति व... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०४:४७, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३८९ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: 108 P. 252.1.16-17 (Verse 49). Who torced his way into your mansion and bore off the entrusted ornaments, the committor of th... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०४:४६, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३९० पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: 109 P. 256. L. 8-9 (Verse 55). Noblo lady! Your virtues in- deed are celestial and the sinful earth is not a fit residence fo... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०४:४६, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३९१ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: 110 P. 260. L. 13-16 (Verse 59). It empties some, fills others to the brim, raises some and throws down others or perplexes t... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०४:४५, ६ सेप्टेम्बर् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३९२ पृष्ठ बनाया (शोधितम्)
- ११:३४, २३ आगस्ट् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/२ पृष्ठ बनाया (समस्यात्मकः)
- ११:३४, २३ आगस्ट् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/८ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: मथुर:-समिको दुरोदरशालाध्यक्षा कर्णपुरका-वसन्त... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ११:३३, २३ आगस्ट् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/७ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: मृच्छकटिकस्थपात्राणां परिचयः -~-पुमांस:- सूत्रध... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ११:३३, २३ आगस्ट् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/६ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: राजनि विज्ञापिसे च गलबस्तैिरेव भूषणैस्तं दक्ष... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ११:३३, २३ आगस्ट् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/५ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: मारा वदधिष्ठातव्यं च पालक हस्वार्यको राजा भवि... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ११:३३, २३ आगस्ट् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/४ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: तृतीयेऽङ्के अतिक्रामन्यामधेरजन्यो स्वापोयते... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ११:३२, २३ आगस्ट् २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि ने पृष्ठम्:मृच्छकटिकम्.pdf/३ पृष्ठ बनाया (अपरिष्कृतम्: मृच्छकटिकस्याङ्कक्रमेण ..कथा वस्तु शूद्रकनृपत... नवीन पृष्ठं निर्मीत अस्ती)
- ०२:०९, ३ जुलै २०१९ HariRavikumar सम्भाषणम् योगदानानि सदस्यलेखा स्वतः निर्मिता